दिल्ली में बाढ़ और जलजमाव के बाद मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। दिल्ली में जलजमाव ने चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया के खतरे को बढ़ा दिया, डॉक्टरों का मानना है कि इस साल अस्पतालों में पिछले महीने की तुलना में जुलाई महीने में डेंगू के मरीज ज्यादा आए हैं। MCD ने अपने सप्ताहिक रिपोर्ट में माना है कि सिर्फ जुलाई महीने में ही डेंगू से अब तक 27 लोग संक्रमित हुए हैं। MCD के मुताबिक, इस साल डेंगू के 163 मामले दर्ज किए गए, इसके साथ ही इस साल डेंगू के जो आंकड़े हैं वह पिछले 6 वर्षों में इस अवधि में सबसे ज्यादा है। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ के बाद डेंगू के खतरे को देखते हुए MCD और दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज-
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है, कि मच्छर जनित बीमारियों के लिए हर अस्पताल में अलग वार्ड बनाने का प्लान तैयार किया गया है। दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले LNJP अस्पतालों में भी अलग से वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है, इसके साथ ही दिल्ली सरकार मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के लिए अगले कुछ दिनों में हर अस्पताल में अलग बोर्ड बनाने का ऐलान कर सकती है।
MCD की साप्ताहिक रिपोर्ट-
MCD की साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक मच्छरों के प्रजनन स्थलों की संख्या पिछले 2 हफ्तों की तुलना में मौजूदा सप्ताह में 8,889 से बढ़कर 12,495 हो गई है। हालांकि इस साल ज्यादातर मरीज ठीक होकर लौट रहे हैं।
शरीर में दर्द-
मच्छर के काटने के बाद डेंगू के लक्षण 3 से 4 दिनों में दिखने लगते हैं, इससे ज्यादा समय भी लग सकता है, इसके साथ ही पूरे शरीर में दर्द होना शुरू हो जाता है। जुलाई से लेकर अक्टूबर के महीने के बीच इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि एडिज मच्छर 3 फीट की ऊंचाई पर ही उड़ पाते हैं। जब किसी शख्स को एडिज मच्छर काटता है तो वह इंसान का खून चूसता है और खून में डेंगू का वायरस छोड़ देता है।
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मच्छरों के प्रजनन-
डॉक्टर्स का कहना है कि दिल्ली में बाढ़, बारिश और जलजमाव के कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के का खतरा बढ़ गया है। मच्छरों के प्रजनन और बढ़ने के इलाज लिहाज से यह उपयुक्त समय है, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे दिल्ली-एनसीआर में मच्छर जनित बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि का खतरा बढ़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मच्छरों को काटने से बचें और साफ सफाई का ध्यान रखें।
सबसे ज्यादा खतरनाक डेंगू-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डेंगू फीवर तीन तरह के होते हैं, जिनमें से दो बहुत खराब माने जाते हैं। तीन तरह के बुखार डेंगू जैसे क्लासिकल डेंगू फीवर, डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हेमोरेजिक फीवर। इन तीनों में सबसे ज्यादा खतरनाक डेंगू हेमोरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम होता है। इन दो तरह के डेंगू से ग्रस्त मरीजों को अगर जल्द ही इलाज नहीं मिलता तो उनकी मौत भी हो सकती है।
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