देश की राजधानी दिल्ली को NCR के 200 किलोमीटर के दायरे वाले शहरों से जुड़ने के लिए Rapid Rail के दूसरे प्रोजेक्ट का काम शुरू कर दिया गया है। दूसरा कॉरिडोर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आगरा तक जाएगा, इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नोएडा में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक जाएगा। वहीं दूसरे से रैपिड रेल आगरा तक जाएगी, NCRTC ने इस परियोजना का काम शुरू भी कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि NCRTC रैपिड रेल दिल्ली मेरठ रोड पर तेजी से काम कर रहा है।
रैपिड रेल की जरूरत के तीन कारण-
रैपिड रेल की जरूरत दिल्ली से आगरा के बीच है इसके तीन कारण हैं। अगर आगरा से दिल्ली के बीच Rapid Rail की शुरुआत हो जाएगी तो तीनों जरूरतों को पूरा करेगी। लिहाजा दिल्ली मेरठ Rapid Rail शुरू होने के तुरंत बाद आगरा दिल्ली Rapid Rail रूट पर NCRTC काम करना चाहती है। इसके लिए न केवल केंद्र सरकार बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है।
पहला कारण-
इसकी 3 वजहों में से एक दिल्ली एनसीआर के शहरों में आवागमन को तेज करना है। जिसके लिए NCRTC का गठन किया गया है। केंद्र सरकार यह चाहती है कि दिल्ली में भीड़ कम हो यहां आकर काम करने वाले लोग 200 किलोमीटर के दायरे में NCR के शहरों में रहे और रोजाना आवागमन करें। इसके लिए रैपिड रेल यातायात का सबसे अच्छा साधन है। इसके जरिए 200 किलोमीटर की दूरी 1 घंटे में पूरी की जा सकती है।
दूसरा कारण-
दूसरी वजह जेवर में बन रहे नए नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जुड़ी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली समेत NCR के तमाम शहरों से कनेक्टिविटी दी जा रही है। जिसकी वजह से रैपिड रेल का यह कॉरिडोर दिल्ली को नोएडा एयरपोर्ट से सीधे जोड़ देगा, जिससे एयरपोर्ट से जाने वाले यात्रियों को फायदा होगा।
तीसरा कारण-
इसकी तीसरी वजह यह है कि दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, वृंदावन, मथुरा और आगरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बड़े व्यावसायिक पर्यटन और संस्कृति क्षेत्र हैं। दिल्ली आने वाले अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूरिस्ट इस रैपिड रेल के जरिए सारे शहरों में तेजी से यात्राएं कर पाएंगे और इन सारे शहरों की अर्थव्यवस्था में भी बदलाव आएगा।
विशेषज्ञों की नियुक्ति-
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए NCR ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी दोनों मिलकर काम करेंगे। जानकारी के मुताबिक NCRTC ने परियोजना की सिविल डी रिपोर्ट और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति कर दी है। आर्किटेक्ट इंजीनियर जियोलॉजिस्ट मिलकर काम कर रहे हैं कि अगले दो से तीन महीनों में डिटेल प्रोजेक्ट सरकार को मिल जाएगी। इसके पहले फेस वन की लंबाई 100 किलोमीटर होगी, वहीं दूसरे फेस की लंबाई भी 100 किलोमीटर के आसपास की होने वाली है। इसी तरह दिल्ली से आगरा का रूट करीब 200 किलोमीटर लंबा होगा।
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