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Dastak India > Home > ऑटो > Railway Track पर क्यों बिछाए जाते हैं ये नुकीले पत्थर, जानें इसके पीछे का साइंस
ऑटो

Railway Track पर क्यों बिछाए जाते हैं ये नुकीले पत्थर, जानें इसके पीछे का साइंस

Dastak Web Team
Last updated: August 6, 2023 5:52 pm
Dastak Web Team
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Railway Track
प्रतीकात्मक तस्वीर (Dastak Photo)
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Railway Track: आपने भी ट्रेन से सफर जरूर किया होगा और आपके भी दिमाग में कभी ना कभी यह बात तो जरूर आई होगी, कि आखिर ट्रेन की पटरियों पर यह नुकीले कंक्रीट के पत्थर क्यों रखे जाते हैं। दिखने में तो साधारण सा सवाल है, लेकिन बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं होगी। इसके जवाब में यह कहा गया है कि जब से ट्रेन अस्तित्व में आई है यानी पटरियों पर उतरी है, तब से उस गाड़ी के नीचे यानी की ट्रेन की पटरियों पर यह नुकीले पत्थर भी होते हैं।

चुनौतीपूर्ण कार्य-

दरअसल रेल का ट्रैक दिखने में साधारण लगता है। रेल ट्रैक को बनाना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। रेलगाड़ियों की सुरक्षा से जुड़ी है, सबसे अहम चीज यानी कि रेल के ट्रैक को कई परतों से बनाया जाता है। उसमें यह नुकीले पत्थर भी शामिल किए जाते हैं। इसे गहराई से समझा जाए, तो रेल की पटरियों पर आपने छोटी-छोटी पट्टियां देखी होंगी। जिन पर लोहे का ट्रैक टिका होता है, उसे स्लीपर्स कहते हैं। इसका काम पटरियों पर पड़ने वाली बल को संभाले रखना और उनके वजन को व्यवस्थित रखना है।

कंक्रीट की पट्टी-

रेल की पटरी के आस पास पड़े इन पत्थरों को ट्रैक बैलेस्ड भी कहा जाता है। इसके पीछे कई वजह हैं, रेलगाड़ी का बैलेंस बनाने के लिए यह जरूरी है। ट्रेन बनाने के लिए जमीन समेत पांच लेयर्स तैयार की जाती है। सबसे ऊपर कंक्रीट की पट्टी जिन्हें स्लिपर्स भी कहते हैं। उसके नीचे पत्थर, तीसरे नंबर पर बैलेस्ड और चौथे नंबर पर सब ग्रेड की खास लेयर होती है, इसके नीचे जमीन होती है।

ट्रेन का बैलेंस-

जब ट्रेन ट्रैक पर रफ्तार से दौड़ती है, तो ऐसे में यह नुकीले पत्थर एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। जिससे ट्रेन का बैलेंस बना रहता है। पहले ट्रैक के नीचे की पट्टी यानी कि स्लीपर लकड़ी के बने होते थे। लेकिन बाद में मौसम और बारिश की वजह से गल जाते थे‌। इसी वजह से उन्हें बार-बार बदलने का झंझट रहता था।

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ट्रैक के नुकीले पत्थर-

रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर पत्थर चिकने या गोलाकार होंगे जैसे नदी के तल पर पड़े होते हैं, तो यह रेल की कम स्पीड पर भी लुढ़क कर ट्रैक से दूर चले जाएंगे। ट्रैक के नुकीले पत्थर कंक्रीट के स्लिपर्स को मजबूत, लंबे समय तक टिकने में मदद करते हैं।

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गिट्टी बनाने का प्रोसेस-

रेलवे ट्रैक की गिट्टी बनाने का प्रोसेस बहुत साइंटिफिक होता है। खास तरह के पत्थर को बनाने में टाइप रॉक, ग्रेनाइट, क्वारी, डोलोमाइट चुने पत्थर के नेचुरल डिपॉज़िट का इस्तेमाल किया जाता है।

TAGGED:railway tracksharp stonesTrackTRAIN
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