आपको बाजार में अलग-अलग आकार और वजन वाले के मोबाइल के चार्जर मिल जाते हैं। इसके साथ ही आपको कई कलर्स के फोन भी मिल जाएंगे। बाजार में अलग-अलग स्टाइल वाले चार्जर भी मिलते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि बाजार में काले और सफेद रंग के ही चार्जर क्यों मिलते हैं। ऐसा क्यों होता है आइए जानते हैं-
ड्युरेबिलिटी और लागत-
इसके पीछे एक खास वजह है कि स्मार्टफोन कंपनियां चार्जर सिर्फ काले और सफेद रंग के ही बनाती हैं। मोबाइल कंपनियों के लाल, पीले या नीले चार्ज न बनाने का कारण ड्युरेबिलिटी और लागत है। काला और सफेद रंग चार्जर की लाइफ को बढ़ाते हैं, खासकर काला रंग। इसके साथ ही सफेद और काले रंग का चार्जर बनाने में कंपनियों को लागत भी थोड़ी अन्य चार्ज के मुकाबले कम आती है।
काले रंग के चार्जर-
स्मार्टफोन कंपनियां कुछ साल पहले तक चार्ज सिर्फ काले रंग के ही बनती थी। काले रंग की खास बात यह थी कि वह दूसरे रंगों की तुलना में हिट बेहतर तरह से अब्जॉर्ब कर सकता है। ब्लैक कलर एक उत्सर्जक माना जाता है, यह चार्जिंग के दौरान पैदा होने वाली गर्मी से चार्जर को बचाता है। चार्जर का काला रंग बाहर की गर्मी को चार्जर के अंदर जाने से भी रोकता है। दूसरा कारण यह था कि ब्लैक मटेरियल दूसरे रंगों की तुलना में सस्ता होता है। इससे चार्जर बनाने की लागत भी कम हो जाती है।
सफेद रंग के चार्जर-
मोबाइल कंपनियां अब मोबाइल के साथ सफेद चार्जर दे रही हैं। सफेद चार्जर को अपनाने के तीन कारण है, पहला तो यह कि सफेद रंग बाहर की गर्मी को चार्जर के अंदर नहीं जाने देगा। सभी को पता है कि सफेद रंग ऊष्मा ऊर्जा को अधिक परावर्तित करता है और ऊर्जा को कम अवशोषित करता है। जिसके कारण चार्जर कम गर्म होता है जिसकी वजह से वह ज्यादा समय तक चलता है।
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काले रंग के चार्ज में एक दिक्कत-
काले रंग के चार्ज में एक दिक्कत यह है कि इसे रात के अंधेरे में ढूंढना मुश्किल होता है। सफेद रंग का चार्जर आसानी से अंधेरे में दिखाई दे जाता है। सफेद रंग सौम्यता का प्रतीक है और लगभग हर व्यक्ति को पसंद भी आता है। इसलिए अब कंपनियों ने सफेद रंग के चार्जर बनाना शुरू कर दिया है।
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