भारत का तीसरा मून मिशन Chandrayan-3 धीरे-धीरे चंद्रमा के करीब जा रहा है। गुरुवार को लैंडर मॉड्यूल के प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने के ठीक बात चंद्रयान ने चांद की पहली तस्वीर भेजी। जो बहुत ही खूबसूरत थी, चंद्रयान-3 के लेंडर ए मेजर लगे कैमरा-1 से 17/18 अगस्त को यह तस्वीर ली गई थी। ISRO ने इसका वीडियो बनाकर ट्विटर पर शेयर किया है।
स्पेस रिसर्च सेंटर के मुताबिक-
Chandrayan-3 के विक्रम लैंडर को चंद्रमा तक जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी खुद तय करनी है। 18 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल की डीबूस्टिंग हुई। डीबूस्टिंग की प्रक्रिया में लैंडर की स्पीड कम हो जाती है। स्पेस रिसर्च सेंटर के मुताबिक 23 अगस्त की शाम 5:45 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। लैंडर विक्रम और रोवर चांद के साउथ पोल में लैंड करने वाले हैं। अगर चंद्रमा की सॉफ्ट लैंडिंग हो जाएगी तो भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
Chandrayaan-3 के लेंडर का नाम भी विक्रम-
साल 2019 में chandrayaan-2 मिशन का लेंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था। उसके फौरन बाद भारत ने तीसरे मून मिशन की तैयारी शुरू कर दी। इसरो के वैज्ञानिक बीते कई महीनों से दिन-रात मिशन पर लगे हुए हैं। chandrayaan-3 की लैंडिंग में कोई परेशानी ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। 14 जुलाई को चंद्रयान 3 को लांच किया गया था। chandrayaan-2 की तरह ही chandrayaan-3 के लेंडर का नाम भी विक्रम रखा गया है।
ये भी पढ़ें- NHAI ने NH के यात्रियों के आसान सफर के लिए लांच किया नया ऐप, जानिए इसकी खासियत
मिशन का मकसद-
इस मिशन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे हर हाल में चांद पर लैंड कराया जा सके। 23 अगस्त को जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा और अगर कोई परेशानी आए तो उसे दूसरी जगह भी लैंड कराया जा सकता है। इस मिशन का मकसद सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड करना है।
ये भी पढ़ें- Delhi Metro के लिए अब बिना लाइन में लगे खरीद पाएंगे टिकट, DMRC और IRCTC ने किया समझौता