हरियाणा और दिल्ली के बीच बनने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर CAG की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसके मुताबिक एक्सप्रेस-वे के निर्माण में अनुमान से ज्यादा खर्च किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अफसरों ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अफसरों के रिएक्शन पर निराशा जताते हुए गुरुवार को हाई लेवल मीटिंग में CAG की रिपोर्ट पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं।
प्रति किलोमीटर सड़क बनाने में 251 करोड़ रुपए का खर्च-
अगस्त महीने की शुरुआत में ही ये रिपेर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में अनुमान से ज्यादा लागत लग रही है। रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे को 18.20 करोड़ प्रति किलोमीटर के बजट में बनाने की मंजूरी दी थी। लेकिन NHAI ने इसका बजट बढ़ाकर 7287.29 करोड़ रुपए कर दिया। जिसके हिसाब से प्रति किलोमीटर सड़क बनाने में 251 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
CAG रिपोर्ट पर दी गई प्रतिक्रिया-
नितिन गडकरी की CAG रिपोर्ट पर दी गई प्रतिक्रिया से पहले सड़क परिवहन मंत्रालय का जवाब सामने आया, जिसमें मंत्रालय ने दावे को खारिज कर दिया। उसमें कहा गया कि यह एक्सप्रेसवे भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बना है। जिसके लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी ली गई थी। मंत्रालय का कहना है कि एक्सप्रेसवे के लिए 2069 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर की औसत लागत वाला टेंडर जारी किया गया था। लेकिन ठेकों का अंतिम आवंटन 181.94 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर की लागत के हिसाब से किया गया। इस हियाब से सरकार ने इस पर 12 प्रतिशत तक की बचत की है।
मोदी विरोध एक संस्था-
ट्विटर पर कांग्रेस ने लिखा कि देश में मोदी विरोध एक संस्था है। यह इंटरनेशनल साजिश में शामिल है। इसका इस संस्था का नाम है CAG, इस संस्था ने मोदी सरकार के साथ बड़े घोटाले का पर्दाफाश कर दिया। इस संस्था पर मोदी जी को तत्काल ताला लगवाना चाहिए। इसके साथ ही ऐसी रिपोर्ट निकलवाने वालों को जेल भेजने का काम करना चाहिए।
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