ट्रैफिक पुलिस ने Delhi Meerut Expressway पर 70,000 की बाइक का 2 लाख रुपए का चालान काटा। 6 महीने के बाद मालिक को जब इस बात की जानकारी मिली तो उसके होश ही उड़ गएव बाइक मालिक एक महीने पहले ही बाइक को बेचने एजेंसी के पास गया था, तो उसे 2 लाख रुपए चालान भरने के लिए कह दिया गया। बाइक का मालिक पेशे से कारपेंटर है और बुलंदशहर का रहने वाला है। बाइक मालिक ने गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस से संपर्क कर चालान में सुधार करने की फरियाद की। जांच के बाद ट्रैफिक पुलिस ने चालान की राशि को घटाकर 20,000 किया है।
प्रिंटिंग मिस्टेक-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की कुछ लाइनों में दो पहिया और तीन पहिया वाहनों को ले जाने की मनाही है। ट्रैफिक पुलिस ने इसी चालान के चलते अब दो पहिया वाहनों और तीन पहिया वाहन चालकों पर जुर्माना लगना शुरू कर दिया है। यह जुर्माना राशि 20,000 तक निर्धारित की गई है। इस केस में 20,000 का चालान ही काटना था। लेकिन प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से यह 20,000 रुपए 2 लाख रुपए हो गए।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगातार हादसे-
गाजियाबाद की ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि बाइक और स्कूटर कि गलत दिशा और ओवर स्पीड की वजह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगातार हादसे हो रहे हैं। जिसकी वजह से अब सख्ती दिखाई जा रही है। गाजियाबाद के एसडीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा का कहना है कि प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से 2 लाख का चालान कट गया। अब इसमें सुधार कर लिया गया और बाइक मालिक को इस बात की जानकारी भी दे दी गई है। इस गाड़ी का 20,000 का चालान काटना था जो भूलवश 2 लाख हो गया।
20,000 रुपए चालान काटने का कोई प्रावधान नहीं-
ध्यान देने वाली बात यह है कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर अब दो पहिया वाहन चालकों का 20,000 तक का चालान काटा जा रहा है। हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट में 20,000 रुपए चालान काटने का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर बन जाने के बाद ऐसा नया नियम बनाया गया है। स्थानीय प्रशासन या जिला मजिस्ट्रेट जरूरत के हिसाब से किसी भी नियम को लागू करने के लिए स्वतंत्र है। स्थानीय प्रशासन जुर्माने की राशि की रकम को भी तय कर सकते हैं।
जिला प्रशासन और NHAI-
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर दो पहिया वाहनों की वजह से लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। जिसके बाद प्रशासन ने सख्ति बरतना शुरू कर दिया। इसी वजह से गाजियाबाद जिला प्रशासन और NHAI ने जुर्माने की धनराशि 5000 से बढ़ाकर 20,000 रुपए कर दी है।