Yamuna Expressway और Eastern peripheral expressway आपस में जोड़ने के लिए रास्ता साफ हो चुका है। इस दोनों एक्सप्रेसवे के जुड़ने से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक आना जाना काफी आसान और तेज हो जाएगा। दो एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए बनाए जाने वाले इंटरचेंज की जमीन को लेकर फसा पेच अब सुलझ चुका है। किसानों ने एक्सप्रेसवे के नजदीक और उन्हें रियासी प्लॉट देने की मांग को लेकर इस इंटरचेंज का निर्माण रुकवा दिया था। 80 करोड़ की लागत से बनने वाले इस इंटरचेंज के निर्माण का टेंडर भी हो गया था और इसे 18 महीने में बनाकर तैयार होना था। लेकिन किसानों की वजह से पिछले 4 वर्षों से यह प्रोजेक्ट अटका हुआ था।
अतिरिक्त मुआवजा-
यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल को जोड़ने के लिए जगनपुर, अफजलपुर गांव के नजदीक इंटरचेंज का निर्माण हो रहा है। 2019 में किसानों ने 3500 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा और 64% अतिरिक्त मुआवजा की मांग की। यह मामला किसी तरह सुलझा तो आबादी भूखंड को लेकर पेंच फंस गया। यमुना प्राधिकरण किसानों को सेक्टर 25 में आबादी भूखंड देना चाहता था। लेकिन किसान एक्सप्रेसवे के नजदीक प्लॉट की मांग करने लगे। जिसके कारण इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।
जल्द ही इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू-
अब किसानों को यमुना प्राधिकरण एक्सप्रेसवे के नजदीक ही रियासी प्लॉट देंगे। प्राधिकरण ने 350 किसानों को 7% आबादी भूखंड के लिए 77 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित कर दिया है। यह जमीन एक्सप्रेसवे के पास है यमुना प्राधिकरण का कहना है कि इंटरचेंज निर्माण के लिए किसानों के सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है। शर्तें माने जाने पर किसानों ने इंटरचेंज निर्माण पर अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। इस इंटरचेंज के बनते ही ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ जाएंगे।
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इन लोगों को होगा फायदा-
यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल के जुड़ जाने से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आना जाना आसान होगा। इसके साथ ही सबसे ज्यादा फायदा पश्चिमी यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड से एयरपोर्ट आने वाले लोगों को होने वाला है। इससे तीनों ही जगह से आने वाले लोगों के लिए एयरपोर्ट के कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। फिलहाल आगरा की तरफ से यमुना एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों को हरियाणा जाने के लिए जीरो पॉइंट से वापस सिरसा लूप सिस्टम पेरीफेरल पर जाना होता है। इसी तरह हरियाणा से आने वाले भी सिरसा लूप उतरने के बाद परी चौक होते हुए जीरो पॉइंट से आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे की ओर जाते हैं। इस तरह दोनों रूट के वाहनों को करीब 20 किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। इंटरचेंज बन जाने के बाद से चालक सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से पेरीफेरल पर आ सकेंगे।
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