Ganga Expressway: मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे Ganga Expressway के लिए मेरठ बुलंदशहर हाईवे 334 से ऊपर गांव बिजौली के पास इंटरचेंज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इंटरचेंज के पिलर तैयार किए हो चुके हैं और अब हाईवे के ऊपर बनने वाले ओवर ब्रिज के निर्माण की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। 2024 के मध्य तक इंटरचेंज निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। Ganga Expressway का निर्माण कार्य कुंभ 2025 से पहले अगले साल यानी 2024 तक पूरा होने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
12 पैकेज में विभाजित-
इसके लिए कंपनी को भी विशेष रूप से निर्देशित किया गया है। प्रयागराज और मेरठ तक Ganga Expressway को 12 पैकेज में विभाजित किया गया है। जिसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे पर 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा, साथ ही टोल प्लाजा के रैंप भी बनाए जाएंगे।
40 से ज्यादा पिलर पर इंटरेस्टिंग तैयार-
खरगोला क्षेत्र के गांव बिजौली के पास मेरठ बुलंदशहर हाईवे 334 पर बन रहे इंटरचेंज के निर्माण कार्य में भी तेजी देखने को मिल रही है। यहां करीब 40 से ज्यादा पिलर पर इंटरेस्टिंग तैयार किया जाएगा। ज्यादातर पिलर तैयार कर लिए गए हैं। इसके साथ ही हाईवे के ऊपर बनने वाले ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य भी तेज हो गए हैं। हाईवे पर बने डिवाइडर पर भी पिलर का निर्माण किया जा रहा है।
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प्रत्येक पीलर के बीच करीब 60 मीटर की दूरी-
हापुड़ के गढ़ तहसील क्षेत्र के गांव शंकर टीला में गंगा पार के गंगा पीपलौती तक 12 लेन का पुल तैयार किया जा रहा है। गंगा के दोनों किनारे को जोड़ने के लिए 960 मीटर लंबे पुल के लिए कुल 16 पिलर बनाए जाएंगे और प्रत्येक पीलर के बीच करीब 60 मीटर की दूरी रखी जाएगी। हालांकि वर्तमान में जलस्तर ज्यादा होने की वजह से गंगा के बीच में बनाए जा रहे पिलर का कार्य बाधित हो रहा है। लेकिन किनारो पर तेजी से काम चल रहा है।
क्या होंगे फायदे-
Ganga Expressway में गंगा नदी के साथ पूरे कॉरिडोर की कनेक्टिविटी में सुधार करने की क्षमता है। गंगा एक्सप्रेसवे से कॉरिडोर पर पड़ने वाले इलाकों का विकास होगा। इसके साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश की पूर्वी पश्चिमी कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा।
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