ISRO ने शनिवार को भारत के सूर्य मिशन Aditya L1 को लेकर बड़ी जानकारी साझा की। देश का पहला सोलर मिशन अब तक सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है और अब यह अपने अलग-अलग चरण में पहुंच चुका है। Aditya L1 मिशन के मुताबिक भेजा गया अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक निकल गया है। Aditya L1 ने अब तक 9.2 लाख किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर ली है।
पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर-
इसरो ने आदित्य एल वन मिशन के बारे में बताया कि अब यह सन अर्थ लैंग्वेज पॉइंट वन की और अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब ISRO ने किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर भेजा है। पहली बार ऐसा मंगल ऑर्बिट मिशन के दौरान किया गया था।
दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की नजर-
6 जनवरी 2024 को इसरो का आदित्य एल वन मिशन अपने निर्धारित लैंग्वेज पॉइंट एक तक पहुंचाने की संभावना है। यह भारत का पहला मिशन है और पूरी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की इस पर नजर बनी हुई है। चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में उभरती हुई ताकत के तौर पर पेश किया है। सोलर मिशन की कामयाबी इस क्षेत्र में भारत के कदम और मजबूत करेगी। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिहाज से देश के लिए यह साल काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।
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अमेरिका समेत कई और अंतरिक्ष एजेंसी-
सोलर मिशन की दिशा में चीन, अमेरिका समेत कई और अंतरिक्ष एजेंसी भी काम कर रही हैं। अगर भारत का आदित्य एल वन वहां सफलतापूर्वक जाता है, तो उसकी मुलाकात वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यान से भी हो सकती है। इसमें इंटरनेशनल सन, अर्थ एक्सफ्लोरल जेनेसिस मिशन, और चीन का चांद 5 लूनर आर्बिट शामिल है। सूर्य का अध्ययन करने वाले यह सभी मिशन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
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