Haryana में लगातार 15 सितंबर से पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। पहले एक-दो मामले सामने आ रहे थे, लेकिन 27 सितंबर से इन मामलों में लगातार तेजी होने लगी। इस बार कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, अंबाला, यमुनानगर में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
रविवार दिन रात को अंबाला के फतेहगढ़ गांव से पराली जलाने की जानकारी मिली, जब सोमवार को टीम इस बात की जांच करने पहुंची तो किसानों ने चालान करने आई टीम को बंधक बना लिया। इसके साथ ही किसानों ने अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। किसनों का कहना है, कि बाढ़ के दौरान किसी अधिकारी को हमारी याद नहीं आई मगर जब पराली जलाते ही चालान काटने आ गए। जिसके बाद किसनों ने लगभग पौने घंटे बाद टीम को छोड़ा। टीम में ग्राम सचिव, पटवारी और कृषि विभाग के कर्मचारी शामिल थे। किसनों ने कहा, कि अभी संबंध में मंगलवार को उपयुक्तत और कृषि उपनिदेशक से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही आपको बता दें, कि कृषि उपनिदेशक जसविंद्र सिंह ने बताया कि फतेहगढ़ गांव में किसानों ने टीम को चालान नहीं काटने दिए।
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इसी के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लगभग अभी तक पराली जलाने के 41 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 34 किसनों पर जुर्माना लगाया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई FIR नहीं हुई है। वही बात करें, करनाल की तो करनाल में 13 किसानों में से 7 किसनों पर 30 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया जा चुका है। कैथल में 3 किसनों पर और पानीपत में 6 जबकि यमुनानगर में 8 और अंबाला में 2 किसनों पर जुर्माना लगाया गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि फतेहाबाद में 6 किसानों से लगभग 9000 रूपये का जुर्माना वसूला गया। सोनीपत में सोमवार को सेटेलाइट की मदद से गांव जांटी कलां में पराली जलाने वालों की लोकेशन ढूंढी गई।
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