Anoop Choudhary Passed Away: पत्रकारिता के क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया है। वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी 25 मार्च को इस संसार से विदा हो गए। उनका निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है, जिन्होंने अपने जीवन के हर पल को समाज की सेवा और सच्ची पत्रकारिता को समर्पित किया।
जड़ें और कर्मभूमि(Anoop Choudhary Passed Away)-
अनूप चौधरी मूल रूप से रोहतक के बालंद गांव के निवासी थे, लेकिन उनका कर्मक्षेत्र फरीदाबाद रहा। उनका जीवन पत्रकारिता के प्रति समर्पण का एक जीवंत उदाहरण था। वे न केवल एक पत्रकार थे, बल्कि एक ऐसे संस्थापक थे जिन्होंने मीडिया जगत में नई ऊंचाइयों को छुआ।
अंतिम यात्रा सम्मान और श्रद्धा(Anoop Choudhary Passed Away)-
27 मार्च को रोहतक के वैश्य कॉलेज के बगीची श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। यह एक भावुक क्षण था, जब पत्रकारिता के कई दिग्गज एकत्र हुए और दिवंगत आत्मा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। फरीदाबाद से पत्रकार बिजेंद्र अहलावत , अजय चौधरी , राकेश कश्यप , संदीप सिद्धार्थ, अजय वर्मा और दीपक शर्मा पत्रकार साथी उन्हे अंतिम विदाई देने, रोहतक पहुंचे थे। उनके निधन पर पूर्व उपमुख्यमंत्री, दुष्यंत चौटाला ने भी ट्वीट करके दुख प्रकट किया।
परिवार और पत्रकार समुदाय का दर्द-
अनूप चौधरी की पत्नी रानी चौधरी ने फरीदाबाद से आए सभी पत्रकारों का हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि परिवार हमेशा इन पत्रकार भाइयों के साथ रहेगा। यह क्षण न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे पत्रकारिता समुदाय के लिए भावनात्मक था।
राजनीतिक जगत का शोक-
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी ट्वीट करके अनूप चौधरी के निधन पर दुख प्रकट किया। यह दर्शाता है कि वे न केवल एक पत्रकार थे, बल्कि एक ऐसी हस्ती जिनका प्रभाव राजनीतिक परिमंडल में भी महसूस किया जाता था।
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विभिन्न संगठनों का शोक-
पत्रकारिता से जुड़े विभिन्न संगठनों, राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अनूप चौधरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उनकी आत्मा की शांति के लिए सभी ने प्रार्थना की।
एक अमर विरासत-
अनूप चौधरी सिर्फ एक नाम नहीं थे, वे एक संस्था थे। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। पत्रकारिता में ईमानदारी, समर्पण और सच्चाई के प्रतीक के रूप में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
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