गुरुवार को रक्षा मंत्रालय द्वारा कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल प्रशिक्षण किया गया। अधिकारीयों के मुताबिक, प्रशिक्षण उड़ीसा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। अग्नि-1 बेहद उच्च परिषद वाली मिसाइल है। प्रशिक्षण प्रक्षेपण सामाजिक बल कमान के तत्वाधान में किया गया था और इससे सभी परिचालक तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस मिसाइल में कई खूबियां है। बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 उन्नत सिस्टम प्रयोगशाला ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर बनाया है।
दो फेस वाली ठोस ईंधन प्रणाली-
अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलो और 700 किलोमीटर परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है। अग्नि-1 मिसाइल का और भी एडवांस संस्करण अग्नि प्राइम अभी निर्मित किया जा रहा है। इसमें साल का पहला परीक्षण जून 2021 में किया गया था, जिसमें अग्नि-1 की तरह ईंधन प्रणाली की तुलना में दो फेस वाली ठोस ईंधन प्रणाली है। दरअसल इससे मिसाइल की लॉन्चिंग आसान होती है और यह अपेक्षाकृत सटीक होती है।
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कई ट्रेकिंग सिस्टम से लैस-
अग्निपथ मिसाइल का परीक्षण पिछले साल सफल रूप से किया गया था। जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर की थी। यह मिसाइल एक शक्तिशाली हथियार है जो कि भारत की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भारत को अपने दुश्मनों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधकता प्रदान कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह मिसाइल टेलीमेट्री, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम और रडार समेत कई ट्रेकिंग सिस्टम से लैस है।
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