सनातन धर्म में बहुत सारी तिथियां होती हैं और हर किसी तिथि का अपना-अपना महत्व होता है। इन्हींं में से एक तिथि है अमावस्या, साथ ही माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। पौराणिक कथाओं की माने तो इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ और इस दिन ही भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है।
मौनी अमावस्या-
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी की सुबह 8 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी 10 फरवरी को सुबह 4:30 पर समाप्त होगी। जिसके चलते 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।
गंगा स्नान-
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना काफी अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन देवी-देवता और पितर गंगा में स्नान करने आते हैं। साथ ही इस दिन गंगा स्नान करने से देवताओं और पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।
भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-
अमावस्या के दिन चांद नहीं दिखाई देता जिसके चलते हैं, मानसिक स्थिति खराब होने के संभावना बनी रहती हैं। कहा जाता है कि इस दिन मौन रहने से मानसिक स्थित सही रहती है और मन कमजोर नहीं पड़ता। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन ऋषियों की तरह मौन रहना चाहिए और कटु वचन बोलने से बचना चाहिए। ऐसा करने से अच्छे फल मिलता हैं साथ ही मौनी अमावस्या पर भगवान शिव और विष्णु की पूजा करने से मौक्ष की प्राप्ति होती है।
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दान-पुण्य-
मौनी अमावस्या के दिन कुछ चीजों का दान करने से देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस अमावस्या को तिल का तेल, तिल का लड्डु, तिल, आंवला, कपड़े आदि चीजों का दान करना चाहिए साथ ही किसी गरीब व्यक्ति की भी सहायता करनी चाहिए, ऐसा करने से आपकी कुंडली में पितृ दोष दूर होता है।
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