राहुल गांधी जब से भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं, तब से लगातार भाजपा पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का मुद्दा उठाकर आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि यूजीसी का मसौदा दिशा निर्देश उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की साजिश की जा रही है। राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए लिखा की, यूजीसी के नए मसौदे में उच्च शिक्षा संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की साजिश की जा रही है।
राहुल गांधी का दावा-
आज 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय में लगभग 7000 पदों में से 3000 पद खाली हैं। जिनमें सिर्फ 8.1% दलित, 4.5% पिछड़े वर्ग और 1.6% आदिवासी वर्ग के प्रोफेसर हैं। राहुल गांधी ने यह दावा किया है कि आरक्षण की समीक्षा की बात भी की जा चुकी है। बीजेपी आरएसएस अब ऐसे उच्च शिक्षा संस्थानों में से वंचित वर्ग के हिस्से की नौकरियां को छीनना चाहती है।
नायकों के सपनों की हत्या-
यह सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले नायकों के सपनों की हत्या है और वंचित वर्गों की भागीदारी भी खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि यही सांकेतिक राजनीति और वास्तविक न्याय के बीच का फर्क है और यही बीजेपी का चरित्र है। उनका कहना है कि कांग्रेस ने कभी भी यह नहीं होने दिया है। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय के लिए लड़ते हैं और लड़ते रहेंगे।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान-
सभी रिक्त पदों की पूर्ति आरक्षित कर्मोियों के योग्य उम्मीदवारों से की जाएगी। यूजीसी के एक मसौदा दिशा निर्देश में प्रस्ताव किया गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित खाली जगह इन श्रेणियां के पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अनारक्षित घोषित की जा सकती है। इस पर बड़ा विवाद खड़ा होने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं किया होगा।
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