Pune University Case: हाल ही में पुणे के विश्वविद्यालय से पांच छात्रों और एक प्रोफेसर को रामलीला पर आधारित एक नाटक के मंचन में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को कहा कि इस नाटक में कथित तौर पर आपत्तिजनक संवाद और दृश्य दिखाए गए हैं। आरएसएस संबंध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी और पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र के छात्रों ने भी शुक्रवार शाम नाटक के मंचन में को लेकर हाथा-पाई हो गई।
सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स-
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ललित कला केंद्र जिसे ऑफिशियल तौर पर सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स कहा जाता है। उसका नाटक रामलीला में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले अभिनेताओं के बैक स्टेज हरकतों पर आधारित था। इंस्पेक्टर अंकुश का कहना है कि एबीवीपी पदाधिकारी हर्षवर्धन पूरे की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अभद्र भाषा का इस्तेमाल-
उन्होंने बताया कि पुलिस ने ललित कला केंद्र के विभाग प्रमुख डॉक्टर प्रवीण और छात्र भावेश पाटील, जय पेडणेकर, प्रथम में सावंत, ऋषिकेश ,दलवी और यश क्यों गिरफ्तार कर लिया है। पहली रिपोर्ट के मुताबिक, नाटक में सीता का किरदार निभा रहे, एक पुरुष कलाकार को सिगरेट पीते और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया। प्राथमिकी में कहा गया कि जब एबीवीपी के सदस्यों ने नाटक पर आपत्ति जताई और प्रदर्शन रोक दिया, तो कलाकारों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी।
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हिंदूओं की भावनाएं आहत-
उन पर यह भी आरोप लगाए गए हैं की उन्होंने नाटक में हिंदूओं की भावनाओं को आहत किया है। आरोप मे कहा गया कि जब शिकायतकर्ता और उसके दोस्तों ने आपत्ति जताई तो ललित कला केंद्र के अभिनेताओं और छात्रों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और पिटाई भी की। पुलिस का कहना है कि कुछ आरोपियों को जांच के लिए हिरासत में लिया गया है और किसी भी नाटक के कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
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