Viral Video: पुणे के एक स्कूल के छात्रों ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का ऐसा परिचय दिया है जिसने पूरे इंटरनेट को चौंका दिया है। इन बच्चों ने अपने क्लासरूम को एक मिनी कॉन्सर्ट में तब्दील कर दिया जब उन्होंने सिर्फ एक ज्योमेट्री बॉक्स, एक बेंच और पानी की बोतल का इस्तेमाल करके बेहद प्रभावशाली ड्रम बीट्स निकाले। इस अनूठे प्रदर्शन का एक छोटा सा वीडियो इंस्टाग्राम पर प्रोजेक्ट अस्मी द्वारा शेयर किया गया, जिसे अब तक लगभग 3 करोड़ यानी 30 मिलियन व्यूज़ मिल चुके हैं।
Viral Video साधारण चीजों से असाधारण संगीत-
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे ये बच्चे अपने क्लासरूम में मौजूद साधारण चीजों का इस्तेमाल करके असाधारण संगीत बनाते हैं। एक छात्र अपने ज्योमेट्री बॉक्स पर ताल देता है, दूसरा बेंच पर ड्रम की तरह अपनी हथेलियों से बीट्स निकालता है, जबकि एक अन्य छात्र पानी की बोतल को एक रिदम इंस्ट्रूमेंट की तरह इस्तेमाल करता है। इन सब का संयोजन एक ऐसा संगीत बनाता है जो न सिर्फ लयबद्ध है, बल्कि बेहद ऊर्जावान और आकर्षक भी है।
इन छात्रों की कलात्मकता और रचनात्मकता देखकर क्लास में मौजूद सभी छात्र और शिक्षक भी झूम उठे। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे शिक्षक और अन्य छात्र इस प्रदर्शन का आनंद लेते हुए तालियाँ बजा रहे हैं और खुशी से झूम रहे हैं। यह क्षण स्कूल जीवन की उस खूबसूरती को दर्शाता है जहां सीखने के साथ-साथ कला और रचनात्मकता को भी बढ़ावा मिलता है।
Viral Video वीडियो हुआ वायरल, यूजर्स ने की तारीफ-
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ, इसने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया। बच्चों के द्वारा नियमित क्लासरूम वस्तुओं से निकाले गए बीट्स और रिदम इतने ऊर्जावान और प्रभावशाली थे कि सोशल मीडिया यूजर्स इनकी कच्ची प्रतिभा और रचनात्मकता की सराहना किए बिना नहीं रह सके।
एक यूजर ने कमेंट में लिखा, “वाह! कितनी अमेज़िंग टैलेंट है इन बच्चों की। यह दिखाता है कि प्रतिभा किसी भी संसाधन की मोहताज नहीं होती।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “इन्हें म्यूजिक प्रोड्यूसर बनना चाहिए, क्या बीट्स निकाले हैं!” कई यूजर्स ने इस वीडियो को आज इंटरनेट पर उपलब्ध सबसे अच्छा वीडियो बताया। “आज का इंटरनेट विजेता यह वीडियो है,” एक यूजर ने लिखा, जबकि दूसरे ने टिप्पणी की, “यह दिखाता है कि भारतीय बच्चों में कितनी प्रतिभा छिपी है।”
Viral Video प्रोजेक्ट अस्मी का योगदान-
वीडियो को प्रोजेक्ट अस्मी नामक एक पहल द्वारा शेयर किया गया था। प्रोजेक्ट अस्मी एक ऐसी पहल है जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। उनका मानना है कि हर बच्चे में एक अद्वितीय प्रतिभा होती है, और उनका मिशन है इस प्रतिभा को पहचानना और उसे निखारने में मदद करना।
इस वीडियो के माध्यम से, प्रोजेक्ट अस्मी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें कला, संगीत और रचनात्मकता के लिए भी स्थान होना चाहिए। उनका मानना है कि ऐसे अनुभव बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बच्चों की प्रतिभा का उत्सव-
यह वीडियो हमें याद दिलाता है कि बच्चों में कितनी अद्भुत क्षमताएं होती हैं और कैसे वे सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन कर सकते हैं। यह स्कूलों और शिक्षकों के लिए भी एक प्रेरणा है कि वे छात्रों की प्रतिभा को पहचानें और उन्हें अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। इस प्रकार के प्रदर्शन न केवल बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें टीमवर्क, सहयोग और रचनात्मक समस्या समाधान जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी सिखाते हैं। इसके अलावा, ये अनुभव उन्हें संगीत और कला के प्रति एक गहरी सराहना विकसित करने में मदद करते हैं।
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एक प्रेरणादायक संदेश-
इस वीडियो का व्यापक प्रसार और सकारात्मक प्रतिक्रियाएं इस बात का प्रमाण हैं कि लोग ऐसी प्रेरणादायक और खुशी देने वाली सामग्री की सराहना करते हैं। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हमारे पास क्या नहीं है, इस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, हमें उन चीजों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए जो हमारे पास हैं। पुणे के इन स्कूली बच्चों ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा और जुनून के साथ, साधारण वस्तुएं भी असाधारण अनुभव बन सकती हैं। उनका यह अनोखा संगीत प्रदर्शन न केवल मनोरंजक है, बल्कि यह एक गहरा संदेश भी देता है – हर चीज में संगीत है, बस हमें उसे सुनना आना चाहिए।
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