Himachal Politics: आज हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों का के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। राजस्थान चुनाव में पार्टी लाइन से आगे हटकर वोट डालने के मामले में उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। हिमाचल प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कांग्रेस के सभी 6 बागी विधायकों को डिसक्वालीफाई करने की मांग की है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया आज फैसला सुनाने वाले हैं। कांग्रेस के 6 बाघी विधायक पर दल बदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।
52वां संवैधानिक संशोधन-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बार-बार होने वाली सियासी बदलाव और हॉर्स ट्रेनिंग को रोकने के लिए साल 1985 में राजीव गांधी की सरकार द्वारा 52वां संवैधानिक संशोधन कर दल बदल विरोधी कानून पारित किया गया था। जिस कानून के मुताबिक, राजनीतिक लाभ के लिए नेताओं के पार्टी बदलने को रोकना था।
दसवीं अनुसूची-
इस कानून को दसवीं अनुसूची में रखा गया है। हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त, सुधीर शर्मा, लखनपाल, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर और देवेंद्र कुमार भुट्टो ने लाइन से अलग हटकर बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। बुधवार को बजट पास करने को लेकर जो व्हीप भी जारी किए गए थे। उसका भी विधायकों ने पालन नहीं किया था।
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कार्यवाही की मांग-
जिसके बाद इन विधायकों पर कार्यवाही की मांग की गई है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की ओर से सभी छह बागी विधायकों के खिलाफ राज्य चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में पिटीशन दायर कर कार्यवाही की मांग की गई है। इस बार विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के चेंबर में सुनवाई चल रही है।
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