Bihar Politics: हाल ही में बिहार में बीजेपी और एनडीए द्वारा सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो चुकी है और बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे को लेकर नाराज आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह सीट बंटवारे से नाराज है और महज़ दो से 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने केंद्रीय पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि उनकी पार्टी के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरी ईमानदारी के साथ उनकी पार्टी ने एनडीए की सेवा की है। पारस का कहना है कि वह मोदी के आज भी शुक्रगुजार हैं, लेकिन मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है।
पारस की पार्टी को नहीं मिली एक भी सीट-
इसलिए केबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। 8 मार्च को बिहार को लेकर एनडीए में सीट बंटवारा हुआ था। जिसमें भाजपा को 17 सीट जेडीयू को 16 और चिराग पासवान की लोजपा को 5 सिटें दी गई थी। मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की रोलमो को एक-एक सीट दी गई है, जिसमें पारस की पार्टी का खाता भी नहीं खुला। RLJP को एक भी सीट नहीं मिली, जिसे लेकर पशुपति पारस और उनकी पार्टी के सभी नेता नाराज हैं।
मंत्री पद से इस्तीफा-
इसी के चलते आज उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। नाराजगी की वजह यह भी है की सीट बंटवारे में चिराग की लोजपा को 5 सिटें दे दी गई। जिसमें से चार सीटों पर पारस गुट का कब्जा था। दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव लोजपा और एनडीए ने साथ लड़ा था। तब पार्टी दो पार्ट बटवारा नहीं हुआ था। लेकिन उसके बाद पार्टी दो गुटों में बट गई। इस चुनाव में लोजपा के 6 सांसद जीते थे। जिसमें पारस समेत पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया और 5 पारस केंद्रीय मंत्री भी बन गए।
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भतीजा चाचा पर भारी-
लेकिन इस बार बाज़ी पलट गई और भतीजा चाचा पर भारी पड़ गया, जो सिटें पारस की पार्टी के पास थी. उन पर अब चिराग की पार्टी चुनाव लड़ने वाली है। इस बात की चर्चा भी हो रही है कि पशुपति पारस हाजीपुर से चिराग पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। मतलब चाचा भतीजा इस बात में चुनाव में आमने-सामने हो सकते। वहीं बताया जा रहा है की महा गठबंधन से भी पशुपति पारस की बातचीत चल रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पारस गठबंदन के साथ भी जा सकते हैं लेकिन यह अभी सिर्फ चर्चा है।
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