Navratri Day 4: हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है। 9 दिनों में हर एक दिन माता के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है। मंत्रों का जाप किया जाता है और माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। जिसकी साधना करने से भक्त के जीवन से जुड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। उनकी कामनाएं भी पूरी होती हैं। मां कुष्मांडा की कांति और प्रभाव सूर्य के सामान भी है। उनके तेज की तुलना इन्हीं से की जाती है। अन्य कोई भी देवी देवता उनके तेज और प्रभाव का सामना नहीं कर सकते। इन्हीं के तेज और प्रकाश से दसों दिशाएं प्रकाशित रहती है। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में स्थित तेज इन्हीं की छाया है।
पूजा विधि-
मां कुष्मांडा की पूजा विधि की बात की जाए, तो देवी कूष्मांडा की पूजा में कुमकुम, रोली, केसर, श्रृंगार, पान के पत्ते और अक्षत आदि श्रद्धा पूर्वक चढ़ाया जाता है। अगर आपने माल पुए बनाए हैं तो उसे माता रानी को अर्पित कर दें। फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आखिर में घी के दिए या कपूर से मां कुष्मांडा की आरती करें। आरती के बाद उस दीपक को पूरे घर में दिखाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है। अब आप मां कुष्मांडा से अपने परिवार की शिक्षा, किर्ती और संकट से रक्षा के लिए आशीर्वाद लें सकते हैं।
मालपुआ-
आपसे भी कुष्मांडा को पेठा भी काफी पसंद होता है। इसलिए आप इनकी पूजा में पेठे की मिठाई का भोग लगा सकते हैं। इसलिए आप पेठे की मिठाई भी मां को अर्पित कर सकते हैं. इसके अलावा हलवा, मीठा दही या मालपुआ भी आप प्रसाद के रूप में चढ़ा सकते हैं। पूजा के बाद मां कुष्मांडा के प्रसाद को स्वयं भी ग्रहण करें और लोगों में भी वितरित करें।
सामग्री-
अगर आप माता रानी को माल पुए का भोग लगाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आटा या मैदा, दूध, चीनी, काजू, बादाम, पिस्ता, केला आदि की ज़रुरत होगी।
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विधि-
माल पुआ बनाने के लिए सबसे पहले आप आटा या मैदा लें उसमें दूध, चीनी, मेवे और केले को अच्छी तरह से मिला लें। इस मिश्रण को अच्छे से मिक्स करने के बाद आप इसे रात भर के लिए छोड़ दें। उसके बाद सुबह उठकर एक पैन या कढ़ाही में तेल या रिफाइंड को गर्म करें, अब एक कलछी की मदद से तेल में उस मिक्चर से छोटे-छोटे पैन केक बनाएं। उसे तब तक पकाएं जब तक की यह हल्का ब्राउन ना हो जाए। उसके बाद इसे निल कर प्लेट में रख लें अब आप इस पर रबड़ी डालकर इसे माता को भोग लगा सकते हैं।
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