जूली चौरसिया
Lok Sabha Election 2024: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह चुनाव निष्पक्ष हैं यह सवाल इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि अगर हम किसी मुकाबले या फिर चुनाव की बात करते हैं तो बराबरी होना ज़रुरी है। लेकिन सत्ता रुढ़ी पार्टी जितनी सशक्त है उतने ही उनके विपक्ष के पास कई सारी कमियां मौजूद हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के सारे खाते इस समय फ्रीज़ कर दिए गाए हैं। इसके साथ ही अगर हम आम आदमी पार्टी की बात करें तो AAP के मुख्य नेता जेल में बंद हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए तो इसके लिए सुप्रीम के ज़जों को तीन अहम फैसले लेने होंगे। यह फैसले कौन से हैं आईए जानते हैं-
पहला फैसला ईवीएम मशीन-
अगर निष्पक्ष चुनाव की बात आती है तो सबसे पहले ध्यान ईवीएम मशीन की ओर जाता है। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के CJI चंद्रचूड़ और उनके साथी जज ईवीएम मशीन को लेकर फैसला सुना सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है अगर ईवीएम मशीन के साथ VVPAT को जोड़ा जाता है तो चुनाव निष्पक्ष चुनाव की ओर यह एक अहम कदम होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि VVPAT को ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है। इससे जोड़ने से जब भी कोई नागरिक ईवीएम से वोट डालेगा तो उसे एक स्लिप मिलेगी। जिससे नागरिक को पुष्टी हो जाएगी की उसने जिस पार्टी को वोट दिया है वह उसे गया है या नहीं।
दूसरा फैसला इलेक्टोरल बॉन्ड-
वहीं दूसरे फैसले की बात की जाए तो वह दूसरा फैसला इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर है। सूत्रों का कहना है कि ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं जिन्होंने ईडी और सीबीआई के छापे पड़ने के बाद भी राजनितिक पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए करोड़ों रुपए का चंदा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर सुप्रीम कोर्ट को फैसला लेना चाहिए, जिससे उन कंपनियों पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। अगर इस मामले पर कोर्ट फैसलै ले तो इसका असर चुनाव पर हो सकता है।
ये भी पढ़ें- क्या दिल्ली में लागू होने वाला है राष्ट्रपति शासन? गवर्नर लगातार लिख रहे आम आदमी पार्टी…
तीसरा फैसला अरविंद केजरीवाल पर-
अगर तीसरे फैसले की बात की जाए तो यह फैसला अरविंद केजरीवाल को लेकर है। विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव नज़दीक हैं और आम आदमी पार्टी का नेतृत्व करने वाले नेता ही जेल में हैं। अगर चुनाव से पहले उन पर सुनवाई की जाए और अगर वह भी संजय सिंह की तरह बाहर आ गए तो चुनाव में मुकराबला बराबरी का हो सकता है। हालांकि अगर अरविंद केजरीवाल ने सच में अपराध किया है तो चुनाव के बाद उन पर तुरंत कार्यवाही की जाए। अगर सज़ा का केस बनता है को वह हो। लेकिन अगर वह चुनाव से पहले बाहर आ जाते हैं तो चुनाव का रुख बदल सकता है।
सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि CJI ने कहा है कि वह इस मामले को सुनेंगे। हालांकि इन फैसलों को लेने के लिए CJI को देश को सर्वोपरी रखना होगा।
ये भी पढ़ें- Arvind Kejriwal की याचिका को हाई कोर्ट ने क्यों किया खारिज, क्या सीएम की गिरफ्तारी है सही?