कुछ समय पहले प्याज की बढ़ती हुई कीमतों को कंट्रोल में करने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर बैन कर दिया था। अन्य देशों प्याज के निर्यात को 8 दिसंबर से रोका गया था। लेकिन सरकार ने अब इसमें फिर से थोड़ी ढील दी है। सरकार ने मध्य पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों को 2,000 टन सफेद प्याज दिए थे। प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कुछ महीने पहले भी प्याज के निर्यात को बंद कर दिया था। देश में प्याज की महंगाई से जनता को राहत मिल सके, इसलिए प्याज के निर्यात पर रोक लगाई गई थी। लेकिन अब धीरे धीरे इसे फिर से खोला जा रहा है।
99,500 टन प्याज निर्यात करने का फैसला-
भारत ने 6 पड़ोसी देशों को 99,500 टन प्याज निर्यात करने का फैसला किया है। उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई, जिसमें कहा गया कि भारत बांग्लादेश, बहरीन, भूटान, यूएई, श्रीलंका और मॉरिशस को 99,150 टन का प्याज निर्यात करने वाला है। यह फैसला मुख्य तौर पर महाराष्ट्र का है, पिछले साल पैदावार कम होने के अनुमान की वजह से भारत में घरेलू उत्पाद का सुनिश्चित करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
प्याज की कीमत-
बीते साल कम पैदावार की वजह से प्याज की कीमत बढ़ने लगी थी। कृषि मंत्रालय की ओर से बीते हुए आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में प्याज की पैदावार करीब 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा बीते साल 302.08 लाख टन था। मुख्य तौर पर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में प्याज की खेती की जाती है। सरकार ने प्याज भंडारण में भी सुधार किया है। प्याज भंडारण क्षमता को 1200 टन से बढ़कर 5000 टन करने का फैसला लिया गया है।
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विदेश व्यापार-
भारत ने हाल ही में के वित्त वर्षों में मालद्वीप पर चावल, गेहूं, आटा, चीनी, अंडा, आलू, प्याज और दाल जैसी कुछ वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया था। विदेश व्यापार ने एक अधिसूचना में कहा था कि साल 2024 से 25 के दौरान देश में के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालद्वीप में इन वस्तुओं चीनी दाल, बजरिया, नदी की रेत, चावल, प्याज, गेहूं का आटा के निर्यात की अनुमति मालदीप को दी गई थी।
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