NDA: रविवार को पीएम मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, मोदी की कैबिनेट में कई नए चेहरों को शामिल किया गया। इस बार कैबिनेट से कई नेताओं का पत्ता भी साफ हो गया। लेकिन इसी बीच अब NDA में फूट की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि NCP नए मंत्रीमंडल से खुश नहीं है। अजीत पवार वाली एनसीपी और भाजपा के बीच मतभेद शुरू हो चुका है। NCP को उम्मीद थी कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंत्रिमंडल में उनके सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा।
मुद्दे पर सफाई (NDA)–
लेकिन मोदी के दफ्तर से कहा गया कि उन्हें राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार मिल सकता है। लेकिन अजीत पवार गुट ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अब देवेंद्र फडणवीश इस मुद्दे पर सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र में जल्द होने वाली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह घटनाक्रम राजनीतिक तौर पर जरूरी हो चुका है।
डैमेज कंट्रोल (NDA)-
हालांकि भाजपा की ओर से डैमेज कंट्रोल के नाम पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि NCP को सरकार ने स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री का एक पद देने की पेशकश की थी। लेकिन प्रफुल्ल पटेल पहले कैबिनेट मंत्री पद पर थे। इसीलिए वह स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री का पद नहीं संभाल पाएंगे। वहीं कैबिनेट रैंक की एनसीपी की मांग को बाद में स्वीकार किया जा सकता है।
नियमों को बदला नहीं जा सकता-
उनका कहना था कि जब गठबंधन के साथ सरकार बनती है, तो उसमें कुछ नियम तय किए जाते हैं। बहुत से पक्ष होते हैं, लेकिन एक पार्टी की वजह से नियमों को बदला नहीं जा सकता। लेकिन भविष्य में जब भी विस्तार होगा, तो उन्हें एडजस्ट जरूर किया जाएगा वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने यह साफ कर दिया है कि वह पार्टी कैबिनेट पद से नीचे में नहीं मानेंगे।
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NCP क्यों नाराज़-
पवार ने कहा है कि आज हमारे पास एक लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन आने वाले दो-तीन महीने में राज्यसभा में हमारे कुल 3 सदस्य होंगे और संसद में हमारे सांसदों की संख्या चार होगी। हमें एक कैबिनेट सीट दी जानी चाहिए। इस घटनाक्रम पर एनसीपी के सदस्य रोहित पवार का कहना है कि जो लोग बीजेपी के साथ जाते हैं, उनकी ताकत कम हो जाती है।
भाजपा और NCP में खींचातानी-
बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि लोकसभा में उन्हें उससे कोई फायदा नहीं है। प्रफुल्ल पटेल को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है, उन सबमें अजीत पवार के बाद सबसे चतुर व्यक्ति प्रफुल्ल पटेल हैं। इससे पहले भी लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा और NCP में खींचातानी हो चुकी है। लेकिन अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक है और कौन सी घटना कब बड़ी बन जाए, यह कहा नहीं जा सकता।
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