NITI Aayog Meeting: शनिवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बैठक को बीच में ही बाहर आ गईं। जिस पर अब भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा है कि वह पहले से ही बैठक को बीच में छोड़ना तय करके आईं थीं। उनका उद्देश्य सुर्खियां बटोरना था, बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष का कहना है कि हमारे देश में सुर्खियां बटोरना बहुत आसान है। अब यह सब टीवी पर बोला जाएगा कि मैं नीति आयोग की बैठक में भाग लेने वाली एकमात्र विपक्षी मुख्यमंत्री हूं और मैंने माइक बंद होने के कारण बैठक का बहिष्कार किया।
पूरे दिन टीवी पर-
अब पूरे दिन टीवी पर यही दिखाया जाएगा, कोई काम नहीं, कोई चर्चा नहीं होगी, यही दीदी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक से ममता बनर्जी यह दावा करते हुए बाहर निकल गईं, कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के बीच में ही अनुचित तरीके से रोक दिया गया था। हालांकि सरकार ने उनके दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके बोलने का समय खत्म हो चुका था।
अमित मालवीया ने आरोप लगाया-
भाजपा के पार्टी विभाग के प्रमुख अमित मालवीया ने आरोप लगाया है की बैठक से ममता बनर्जी का बाहर जाना पहले से ही तय था और यह कैमरे के लिए किया गया था। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुखद है, कि एक मुख्यमंत्री शासन के गंभीर मुद्दों को नाटक बाजी में बदल रही है। पश्चिम बंगाल के लोग उनकी टकराव की राजनीति की वजह से ही पीड़ित हैं। मालवीया ने बैठक से पहले एक वीडियो भी पोस्ट किया।
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बाहर जाना पहले से ही तय-
जिसमें कहा गया था, कि ऐसा कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन जैसे मुख्यमंत्री जो विपक्षी खेमे में है, बैठक से बाहर जा सकते हैं। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बंगाल से भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने दिया गया है और बाकीयों को 20 मिनट बोलने दिया जा रहा है। इसीलिए मैं विरोध स्वरूप मीटिंग छोड़कर बाहर आ गई हूं, असम छत्तीसगढ़ के सीएम को 10-12 मिनट तक बात करने दिया गया। ममता बनर्जी काफी गुस्से में नजर आ रहीं थीं और उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू को 20 मिनट बोलने दिया गया।
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