Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल से कुछ घंटे पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया। 50 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती वर्ग में भाग लेने वाली विनेश फोगाट का वजन उनके निर्धारित 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। हालांकि विनेश आमतौर पर 53 किलोग्राम वर्ग में बाग लेती हैं। लेकिन पेरिस ओलंपिक के लिए, उन्होंने अपना वजन घटाकर 50 किलोग्राम कर दिया। वजन मापने के दूसरे दिन उनका वजन सीमा से लगभग 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। भारतीय ओलंपिक संघ ने उनकी अयोग्यता के खिलाफ अपील की है।
भारतीय अधिकारियों ने मांगा समय-
कथन तौर पर कल रात ही विनेश को पता चला कि उनका वजन 1 किलोग्राम बढ़ गया है। सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए वह पूरी रात साइकिल चलाती रहीं और अन्य व्यायाम भी करती रहीं, लेकिन 900 ग्राम वजन कम करने में सफल रही और प्रतियोगिता से पहले अपने शरीर के वजन को सही करने के लिए उम्मीद में वह पूरी रात सोई नहीं। सूत्रों के मुताबिक जब उनका वजन सीमा से ज्यादा पाया गया, तो भारतीय अधिकारियों ने ओलंपिक समिति से और समय मांगा।
🚨 It is with regret that the Indian contingent shares news of the disqualification of Vinesh Phogat from the Women’s Wrestling 50kg class. Despite the best efforts by the team through the night, she weighed in a few grams over 50kg this morning. No further comments will be made…
— Team India (@WeAreTeamIndia) August 7, 2024
कड़ा विरोध दर्ज करने का निर्देश-
लेकिन बातचीत के लिए बहुत कम गुंजाइश थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निराशा व्यक्त करते हुए, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से बात की और उन्हें कड़ा विरोध दर्ज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि भारत को अपील के लिए सभी विकल्पों पर विचार करना चाहिए। विनेश फौगाट ने ओलंपिक खेलों में कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया। ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक जीतने के करीब पहुंचने पर उनका योग्य घोषित होना, पूरे भारत के लिए हैरान कर देने वाला है।
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में हुए तख्तापलट से भारत के लिए क्यों बढ़ गई मुसीबतें, दिल्ली दरबार में..
पेरिस खेल-
उनके अयोग्य घोषित होने का मतलब यह है कि वह पेरिस खेलों में कोई पदक नहीं जीत पाएंगी। पेरिस खेलों में पहला मुकाबला ही सबसे मुश्किल था, उनका मुकाबला जापानी पहलवान यूई से था, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेलों में कभी कोई मुकाबला नहीं हारा और चार बार की विश्व चैंपियन रह चुकी हैं। लेकिन फिर भी विनेश ने उनका सामना किया, विनेश को मैदान के बाहर संघर्ष करना पड़ा। जिससे उन्हें ताकत मिली और उन्होंने एक बेहतरीन गेम प्लान बनाया।
ये भी पढ़ें- क्या बांग्लादेश में फेल हो गई देश की विदेश नीति? इस चैलेंज के कैसे निपटेगी मोदी सरकार..