Sanjay Singh: हाल ही में पेरिस ऑलंपिक 2024 में भारतीय पहलवानों के खराब प्रदर्शन का कारण भारतीय कुश्ती महासंघ यानी WFI के प्रमुख संजय सिंह ने 2023 में पहलवानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को बताया है। उनका कहना है कि पेरिस ओलंपिक में भारत ने पर्याप्त पदक नहीं जीते। इसके लिए पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जिम्मेदार है। उनका कहना है कि भारत ने 6 सदस्य दल भेजे थे, लेकिन उनमे से सिर्फ एक ने ही कांस्य से पदक जीता है। अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। सहरावत ने तीसरे स्थान पर प्लेऑफ में प्लूटो रीको के डेरिंग क्रूस को हराकर जीत हासिल की।
समय की कमी-
WFI प्रमुख का कहना है कि वह करीब 1 साल से चल रहे, प्रदर्शन से होने वाले तनाव की वजह से पहलवान इस प्रतियोगिता के लिए तैयारी नहीं कर पाए। क्योंकि समय की कमी थी, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय सिंह का कहना है कि अगर आप इसे दूसरे नजरिए से देखें, तो 14 से 15 महीनों तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन से पूरे कुश्ती समुदाय को परेशानीयों का सामना करना पड़ा था। एक वर्ग को छोड़ दिया जाए, तो अन्य वर्ग के पहलवानों को भी संघर्ष करना पड़ा। जिससे वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बिना अभ्यास नहीं कर सकते थे। इसीलिए पहलवान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।
संजय सिंह ने कहा-
संजय सिंह ने कहा कि पिछले 4 सालों में ओलंपिक से लगातार जो पदक लाने का क्रम बना हुआ है, वह बना रहा। लेकिन पदक और अभी आ सकते थे, जो 6 पदक भारत लेकर आया है, वह 6 पदक अकेले कुश्ती ला सकता था। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने जनवरी 2023 में शुरू हुए बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरुद्ध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। पिछले साल कुश्ती में ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र महिला साक्षी मलिक ने बृजभूषण के पद छोड़ने और उसकी जगह संजय सिंह के आने के बाद कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
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पदक बरकरा रखने की अपील-
हाल ही में ओलंपिक पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 ग्राम वर्ग में हिस्सा लिया था। लेकिन सिर्फ 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस सब के बीच विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। रजक पदक बरकरा रखने की अपील के बाद कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन स्पोर्ट ने अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया है। पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट और अमन के अलावा अन्य पहलवान निशा दहिया, रितिका हुड्डा, अंतिम पंघाल और अंशु मलिक भी अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं।
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