Himachal: हाल ही में हिमाचल प्रदेश से एक खबर सामने आ रही है, जहां महिला कांग्रेस ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। दरअसल एक महिला ने प्रदेश के एक भाजपा विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद राष्ट्रीय महिला कांग्रेस ने अपनी ही प्रदेश की सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। मंगलवार को शिमला में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा की अगुवाई में यह प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर नारी न्याय आंदोलन शुरू किया है।
Himachal में उग्र प्रदर्शन-
इसके तहत महिला कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी आंदोलन कर रही हैं। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पहले दिन विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान से महिला कांग्रेस ने प्रदर्शन किया, महिलाएं उग्र प्रदर्शन के दौरान चौड़ा मैदान पर लगे बैरिकेड तोड़कर विधानसभा के मुख्य गेट पर के सामने दूसरे बैरिकेड तक पहुंच गईं। इन महिलाओं का कहना है कि हिमाचल के भाजपा विधायक हंसराज पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाया है, लेकिन 15 दिन बीतने के बाद तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अलका लांबा-
इसे लेकर महिला कांग्रेस प्रदेश सरकार के सामने अपना पक्ष रखने जा रही है और मुख्यमंत्री से कड़ी कार्यवाही की भी मांग कर रही हैं। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा का कहना है कि देशभर में महिला कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी आवाज उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार, पुलिस प्रशासन और महिला कांग्रेस से अनुरोध है, कि महिला द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जाए और इस मामले को रोका न जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि महिला ने अपना बयान वापिस ले लिया है।
महिला दबाव में-
लेकिन इससे स्पष्ट होता है कि महिला कहीं ना कहीं भारी दबाव में है। उनका कहना है कि महिला दबाव में हो सकती है लेकिन प्रदेश की पुलिस और सरकार पर कोई भी दबाव नहीं होना चाहिए। इस मामले पर कड़क संज्ञान लेते हुए इस मामले को आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महिला पहलवान की तरह ही देश के अलग-अलग क्षेत्र में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर मामले सामने आ रहे हैं और ज्यादातर मामले भाजपा कार्यकर्ता और विधायक से ही सम्मिलित नजर आते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार का बेटी बचाओ नारा धूमिल नजर आ रहा है।
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बेटियों की सुरक्षा-
सरकार बेटियों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, नाकामयाब हो रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में जरूर इस मामले की जांच करेगी और भाजपा विधायक से पूछताछ कर इस बेटी को भी न्याय दिलाएगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल में जब एक बेटी की ओर से एफआईआर दर्ज की गई थी, तो भाजपा विधायक की जांच क्यों नहीं की गई। इसके अलावा उनके फोन की रिकॉर्डिंग क्यों नहीं ली गई। इस मामले में 15 दिन बीत जाने के बाद केस को बेटी के वापस लेने तक क्यों रोका गया।
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