Kolkata: कोलकाता की सड़कों पर एक अराजक स्थिति देखने को मिल रही है और यह अराजकता तब फैली जब पुलिस ने शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में आयोजित एक विरोध मार्च को रोक दिया। इस विरोध मार्च का उद्देश्य राज्य सचिवालय, नबन्ना की ओर बढ़ना था, लेकिन पुलिस ने इसे रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। जिसके चलते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई और कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई–
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस रैली के दौरान हिंसा फैलाने की साजिश का आरोप लगाया और कहा कि विरोध मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी। कोलकाता पुलिस ने नबन्ना को एक किले में तब्दील कर दिया और प्रदर्शनकारियों को किसी भी दिशा से सचिवालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं।3
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश–
दरअसल आज सुबह कॉलेज स्क्वायर पर प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हुआ और नबन्ना की ओर मार्च किया। उन्होंने डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कई नारे लगाए और अपना आक्रोश व्यक्त किया। कई छात्र संगठन और नागरिक मंच इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और तस्वीरों में प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड्स को हिलाते हुए देखा गया।
अराजकता फैलाने की कोशिश-
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह विरोध प्रदर्शन भाजपा समर्थित है। पार्टी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। तृणमूल कांग्रेस ने इसे गिद्ध राजनीति करार दिया और आरोप लगाया कि यह पुलिस की वर्दी में अपराधियों द्वारा गोलीबारी की साजिश है। राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मीडिया का कहना है कि, “यह एबीवीपी-बीजेपी की साजिश है। क्या छात्र ऐसा कर सकते हैं कल कल उनका पेपर है।
पुलिस का बयान–
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन में शामिल चार छात्र कार्यकर्ता आधी रात के बाद लापता हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि ये छात्र हावड़ा स्टेशन पर स्वयंसेवकों को भोजन वितरित कर रहे थे, जब अचानक वे गायब हो गए। अधिकारी ने आशंका जताई कि इन्हें ममता पुलिस ने गिरफ्तार या हिरासत में लिया होगा। उन्होंने कहा कि यदि छात्रों को कुछ हुआ तो ममता पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस संबंध में छात्रों के परिवारों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
ये भी पढ़ें- भाजपा ने कंगना रनौत को लगाई फटकार, पार्टी ने मंडी सांसद के इस बयान से किया खुद को अलग
गैर-राजनीतिक आंदोलन-
आयोजकों में से एक शुभंकर हलदर ने कहा कि वे एक समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे, लेकिन अब उनका उस संगठन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को एक गैर-राजनीतिक आंदोलन बताया और कहा कि इसका उद्देश्य केवल न्याय की मांग करना है। इस बीच, कई प्रमुख छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों से जुड़े संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया है। ज्यादातर प्रमुख छात्र संगठनों ने इसे अपनी गतिविधियों से नहीं जोड़ा और खुद को इस विरोध प्रदर्शन से अलग रखा है।
ये भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को झटका, दुष्यंत चौटाला थामेंगे इंडिया गठबंधन का..