PM Narendra Modi: हाल ही में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक मूर्ति गिर गई थी, जिसके बाद से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस ने स्ट्रक्चर कंसलटेंट और ठेकेदार चेतन पाटील दोनों को ही गिरफ्तार कर लिया है। महा विकास अघाड़ी ने इस मामले को मद्दा बनाया और केंद्र सरकार को घेरा। शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इस सबके बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पालघर में शिवाजी की प्रतिमा गिराए जाने को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी। हालांकि इस दौरान उन्हें वीर सावरकर का जिक्र करते हुए, नहले पर दहला मारते हुए भी देखा गया।
नरेंद्र मोदी ने कहा-
पालघर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले सिंधुदुर्ग में, जो भी हुआ वह अफसोस जनक है। छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे और मेरे दोस्तों के लिए सिर्फ एक नाम नहीं है, बल्कि वह हमारे लिए पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हुं और उनसे क्षमा मांगना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं सिर झुका कर अपने भगवान से माफी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं और हम वह लोग नहीं हैं, जो गाली देते रहते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में कुछ लोग भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के वीर सावरकर का अपमान कर रहे हैं और उसके लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।
35 फीट ऊंची प्रतिमा-
दरअसल शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। जिसके बाद सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें थाने के मूर्तिकार जयदीप का नाम भी शामिल था। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के दौरान किया गया था। प्रतिमा का अनावराम पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस प्रतिमा को लगाने का मकसद मराठा नौसेना के आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ ऐतिहासिक संबंधों और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान करना था।
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वीर सावरकर-
इससे पहले शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनिवेश ने भी माफी मांगी थी। वीर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी, वकील, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और हिंदुत्व के दर्शन के सूत्राधार थे। उनका जन्म 28 मई 1883 को नासिक के भागपुर गांव में हुआ था। उनका निधन 26 फरवरी 1966 को मुंबई में हुआ। हिंदुत्व वादी विचारधारा के जनक कहे जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर को भाजपा ही नहीं, बल्कि शिवसेना भी अपने आदर्श नेताओं में शुमार करती है और उनका सम्मान करती है। यही नहीं बाल ठाकरे के दौर से ही शिवसेना सावरकर को महान मानती है, वह उनकी आलोचना को कभी बर्दाश्त नहीं करती है।
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