US Presidential Election: जल्द ही अमेरिका में 47वें राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है और इस बार राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस के बीच यह मुकाबला होने वाला है। चुनाव में दोनों ही उम्मीदवारों के बीच का मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है। ऐसा कहा जा रहा है, कि यह टक्कर ऐतिहासिक होने वाली है। भारत के लिहाज से अमेरिका में होने वाला यह ऐतिहासिक चुनाव कितना जरूरी है। यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन इस सब के बीच सवाल यह उठ रहा है, कि अमेरिका का राष्ट्रपति जो भी बने चाहे वह ट्रंप हो या कमला हैरिस किसके जीतने से भारत को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इस सवाल का जवाब बहुत से पहलुओं पर निर्भर करता है, आईए इन्हें समझने की कोशिश करते हैं-
डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने तो?
डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं और अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर राष्ट्रपति बनते है, तो यह दूसरी बार होगा, जब वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की दोस्ती तो जग जाहिर है। कई मौकों पर डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी को अपनी दोस्ती ज़ाहिर चुके हैं। अब ऐसे में अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं, तो कई क्षेत्रों में अमेरिका और भारत के संबंध ऊंचाइयों पर जा सकते हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल की बात की जाए, तो उस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हुए थे।
आर्थिक नीतियों में सुधार करने का मौका-
भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए ट्रंप ने कुछ बड़े कदम भी उठाए थे। जिससे भारत को अपनी आर्थिक नीतियों में सुधार करने का मौका मिला। इससे भारत की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ। साथ ही इकोनॉमिक क्षेत्र में भी भारत की तेजी से मजबूती बढ़ी। इसके पीछे बहुत से अन्य कारक भी हैं. लेकिन अमेरिका की ओर से जिस तरह से कदम उठाए गए थे, उससे भारत को लाभ जरूर हुआ।
भारत और अमेरिका के संबंध-
भारत और अमेरिका के बीच में रक्षा संबंध डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में नई ऊंचाइयों पर थे। ट्रंप के प्रशासन ने भारत को जरूरी सुरक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी की आपूर्तियों में भी काफी मदद की। जिससे भारत की रक्षा क्षमताओं में काफी वृद्धि हुई। अब ऐसे में अगर एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाते हैं, तो यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है, की रक्षा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के संबंध और ज्यादा मजबूत होने वाले हैं।
अमेरिका का चीन विरोधी रुख-
वहीं चीन और अमेरिका के रिश्तों में अभी भी खटपट चल रही है। खासकर यूक्रेन और रूस की जंग को लेकर। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं, तो अमेरिका का चीन विरोधी रुख भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि भारत के लिए यह इतना आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि ट्रंप टैरिफ के मुद्दे पर भारत को लेकर बहुत बार अपना मत रख चुके हैं। इससे पहले जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बने थे, तो साल 2019 में उन्होंने भारत को टैरिफ किंग बताते हुए कड़े कदम उठाए थे। अब अगर ट्रंप चुनाव जीत लेते हैं, तो इस बार व्यापार के क्षेत्र में भारत को लेकर उनका रुख देखना काफी दिलचस्प होने वाला है।
कमला हैरिस राष्ट्रपति बनीं तो?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं। जिससे भारत और अमेरिका के संबंधों में सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ सकता है। इन दोनों देशों के बीच सहयोग और आपसी समझ बढ़ सकती है। हैरिस की मां श्यामलाल गोपालन तमिलनाडु की हैं और पिता जमैका के हैं। कमला हैरिस भारत के मुद्दे पर अपने उपराष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चुप ही रही हैं। वह एक बार पीएम मोदी से मिल चुकी हैं, लेकिन दोनों के बीच कोई खास केमिस्ट्री नजर नहीं आई। कमला हैरिस के नेतृत्व में अमेरिका संभावित तौर पर ज्यादा बहुपक्षीय, कूटनीतित और वैश्विक सहयोग पर जोर देगा।
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समुदायों को लाभ-
जिससे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ज्यादा समर्थन मिल सकता है। बहुत से लोगों का यह मानना है, कि इमीग्रेशन जैसे मुद्दों पर हैरिस भारत के लिए सही साबित होंगी। हैरिस प्रशासन की प्रवासी नीति भारतीय प्रवासियों और पेशवारों के लिए ज्यादा अनुकूल हो सकती हैं। जिससे कि भारत के समुदायों को काफी लाभ होगा। इन सभी पहलुओं को देखने के बाद एक बात तो यह साफ हो गई है, कि किस एक उम्मीदवार के जीतने से भारत को निश्चित रूप से ज्यादा लाभ होगा, ऐसा कहना मुश्किल है। दोनों के ही अपने-अपने लाभ और चुनौतियां हैं और ट्रंप के जीतने से आर्थिक और रक्षा संबंधों में मजबूती आ सकती है। जबकि हैरिस के जितने से बहुपक्षीय कूटनीति और सामाजिक जुड़ाव में सुधार होगा। भारत को अपनी जरूरत और प्राथमिकताओं के मुताबि,क इन सद्भावनाओं का मूल्यांकन करना होगा।
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