By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Tuesday, 13 May 2025
  • MY BOOKMARK
  • INTERESTSNew
  • CONTACT US
  • BLOG INDEX
Subscribe
Dastak India Transparent mobile new logo
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • खेल
    • विचार
    • हरियाणा
  • 🔥
  • देश
  • होम
  • मनोरंजन
  • social media
  • टेक
  • bjp
  • खेल
  • video
  • police
  • bollywood
Font ResizerAa
Dastak IndiaDastak India
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विचार
Search
  • My Interests
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Dastak India. All Rights Reserved.
Dastak India > Home > देश > डॉक्टर्स क्यों कर रहे जन्म से पहले लिंग जांच करने के कानून में बदलाव की मांग? क्या सही है…
देश

डॉक्टर्स क्यों कर रहे जन्म से पहले लिंग जांच करने के कानून में बदलाव की मांग? क्या सही है…

Dastak Web Team
Last updated: November 6, 2024 11:15 pm
Dastak Web Team
Share
Gender Detection Before Birth
Photo Source - Google
SHARE

Gender Detection Before Birth: हाल ही में भारत के चिकित्सा संघ के प्रमुख ने जन्म से पहले बच्चे के लिंग जांच करने के परीक्षण को वैध करने की मांग की है। बनश्री पुरकायस्थ ने इस पर विचार किया है, कि क्या प्री-कॉन्सेप्शन और प्री नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषसिद्धि (conviction) से लिंगानुपात को रोकने में मदद मिली है, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर आर.वी असोकन के मुताबिक, लिंग निर्धारण परीक्षकों को वैध बनाने के लिए पीसी-पीएनडीटी अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत है।

Contents
लिंग निर्धारण प्रशिक्षकों पर प्रतिबंध-डॉक्टर्स क्यों कर रहे मांग?कानून को कमजोर करने के लिए अदालतों में अपील-सभी व्यक्ति को दंडित-लिंगानुपात में सुधार?सख्त प्रावधानों को कम किया जाए तो क्या होगा?

लिंग निर्धारण प्रशिक्षकों पर प्रतिबंध-

उनका तर्क है कि लिंग निर्धारण प्रशिक्षकों पर प्रतिबंध से भारत में विषम लिंग अनुपात पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में कानून की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए, उन्होंने कहा, कि अधिनियम के कुछ प्रावधान डॉक्टर को गलत तरीके से परेशान करते हैं और कानून में संशोधित किया जाना चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें, तो डॉक्टर असोकन ने कहा, कि आईएमए अधिनियम के कुछ नियम, तकनीकी खामियों और गलत फॉर्म भरने के लिए डॉक्टरों की खिचाई किए जाने से परेशान हैं। उन्होंने कहा, कि पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत फॉर्म-एफ नहीं भरना भ्रूण हत्या के बराबर माना जाता है।

डॉक्टर्स क्यों कर रहे मांग?

फॉर्म एफ में गर्भवती महिला की मेडिकल हिस्ट्री और अल्ट्रासाउंड क्यों किया जा रहा है, इसका रिकॉर्ड होता है। फॉर्म एफ को ठीक से न भरने वाले डॉक्टर को लिंग निर्धारण परीक्षण करने वाले के समान ही सजा दी जाती है। वहीं देश के शीर्ष चिकित्सकों के संगठन ने तर्क दिया है, कि सामाजिक बुराई का हमेशा चिकित्सा समाधान नहीं हो सकता है। इसके बजाय उन्होंने सुझाव दिया है, कि लिंग परीक्षण को वैध बनाने से अजन्मी बालिकओं की रक्षा करने में मदद मिल सकती है। क्योंकि इससे गर्भवती महिलाओं पर नजर रखी जा सकेगी और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा की भ्रूण पूर्ण अवधि तक गर्भ में रहे। आपकी जानकारी के लिए बता दें, की सबसे पहले 1991 में आईएमए ने पीएनडीटी विधेयक का विरोध किया था। उसके बाद विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजा गया।

कानून को कमजोर करने के लिए अदालतों में अपील-

प्रस्तावित कानून में अल्ट्रासाउंड जांच को शामिल न करने का फैसला किया। हालांकि कम्युनिस्ट पार्टी और बीजेपी की महिला सदस्यों के विरोध के बाद विधेयक में आखिरकार अल्ट्रासाउंड को शामिल किया गया और 1994 में इसे अधिनियमित किया गया। साल 2002 में रेडियोलॉजिस्ट 2015 में आईएमए और साल 2017 में स्त्री रोग विशेषज्ञों और प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने कानून को कमजोर करने के लिए अदालतों में अपील की। हालांकि राष्ट्रीय निरीक्षण एवं निगरानी समिति की सदस्य वर्षा देशपांडे का कहना है, कि कानून अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, कि अगर आईएमए को इस कानून की चिंता है, तो उसे चिकित्सा जगत में गलत काम करने वालों को उजागर करना चाहिए। अपने सदस्यों को उजागर करें और उनके खिलाफ कार्यवाही करें।

सभी व्यक्ति को दंडित-

गर्भधारण के बाद लिंग चयन तकनीक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना इस अधिनियम को लागू करने का उद्देश्य है, इसके साथ ही लिंग चयनात्मक गर्भपात के लिए जन्म से पहले निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकना था। इस अधिनियम में सभी निदान प्रयोगशालाओं, अनुवांशिक प्रयोगशाला, अल्ट्रासाऊंड क्लिनिकों, सभी अनुवांशिक परामर्श केंद्रों और आनुवंशिक क्लिनिकों के जरूरी पंजीकरण के अलावा गर्भवती महिला की लिखित सहमति, लिंग के बारे में बताने और रिकॉर्ड रखने पर प्रतिबंध लगाया गया था। किसी भी तरह के अधिनियम का पालन न करने पर चाहे वह छोटी सी भी गलती क्यों ना हो, लिंग निर्धारण या रिकार्ड ना रखने में शामिल सभी व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। इसके साथ ही किसी भी उल्लंघन के मामले में अल्ट्रासाउंड मशीनों को सील करने के अलावा अपराधी मुकदमा चलाने से राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा दिए गए, पंजीकरण को निलंबित कर रद्द किया जाएगा, जो डॉक्टर की मुख्य शिकायत है।

ये भी पढ़ें-  देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस से पूछा ये बड़ा सवाल, कहा किसे चेतावनी दे रहे..

लिंगानुपात में सुधार?

वही लिंगानुपात में सुधार की बात की जाए, तो पंजाब, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली समेत महाराष्ट्र में लिंग जांच परीक्षण सबसे ज्यादा फेमस है। साल 2001 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अल्ट्रासाऊंड क्लिनिक पंजीकरण होने लगा। साल 2001 की जनगणना ने संकेत दिया, कि पंजाब में बाल लिंगानुपात 1991 में 875 से घटकर 778 लड़कियां प्रति हजार लड़कों पर रह गया। वहीं साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 834 देश में सबसे कम था। वहीं साल 2022-23 की बात करें, तो यह बढ़कर 933 हो गया। संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 तक इस अधिनियम के तहत इसकी संख्या 617 है।

सख्त प्रावधानों को कम किया जाए तो क्या होगा?

अगर हम मान लें कि अधिनियम में सख्त प्रावधानों को कम किया गया और लिंग निर्धारण की अनुमति दे दी जाओ, तो सवाल यह जा रहा है कि यह कौन सुनिश्चित करेगा कि लड़की जन्म तक मां के पास रहे, यहां भी अभिलेखों को रखने की जरूरत होगी। इसके साथ ही इस बात कि क्या गारंटी है कि गलत विवरण दर्ज नहीं किए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर यह काम डालने से नहीं चलेगा, क्योंकि 80,000 क्लिनिकों की निगरानी करना बहुत मुश्किल है। हर साल 27 मिलियन गर्भधारण को ट्रैक करना लगभग असंभव है। इसलिए कानून में कोई बदलाव सिर्फ उनकी संख्या को बढ़ाएगा।

ये भी पढ़ें- योगी के एक नारे बटोगे तो काटोगे से क्यों मची विपक्ष में हलचल? सभी राज्यों में हो रहा हिट..

TAGGED:Before BirthDoctorsGender DetectionGender Detection Before Birthsex detectionsex detection Law
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article Batoge to Katoge योगी के एक नारे बटोगे तो कटोगे से क्यों मची विपक्ष में हलचल? सभी राज्यों में हो रहा हिट..
Next Article Donald Trump डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने से क्या होगा व्यापार पर असर? एलन मस्क को कैसे होगा फायदा..

दस्तक इंडिया की खबरों की समझ

दस्तक इंडिया मीडिया समूह समझता है कि सोशल मीडिया के इस जमाने में आपके पास ब्रेकिंग न्यूज के काफी विकल्प हैं। इसलिए हम उनपर फोकस न करते हुए आपके लिए इनसाइड स्टोरी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि वो आपको कोई नहीं बताता। इसके अलावा हम आपको धर्म, लाईफस्टाईल, टेक और ऑटो जैसी कटैगरी की खबरें भी आप तक पहुंचाते हैं।
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow
- Advertisement -
Ad image

Popular Posts

Jai Hanuman के मेकर्स के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, भगवान हनुमान को आपत्तिजनक तरीके..

पुष्पा 2 भगदड़ मामले में मैत्री मूवी मेकर्स के रवि शंकर और नवीन येरनेनी को…

By Dastak Web Team

यूपी के बिजनौर में SI की गला रेतकर की हत्या

उत्तर प्रदेश में सरकार तो बदल गई लेकिन अपराधियों के मन में अभी तक खौफ…

By dastak

Honda ने लॉन्च की खास बाइक, जो सुनेगी आपकी हर बात

इंडिया में Honda ने अपनी खास मोटरसाइकिल को लांच किया है, मोटरसाइकिल में कई ऐसे…

By Dastak Web Team

आप ये भी पढ़ें

India Pak ceasefire
देश

भारत-पाक सीजफायर के फायदे और नुकसान जान हैरान हो जाएंगे आप

By अजय चौधरी
देश

राकेश टिकैत की उछली पगड़ी, क्या है पूरा मामला और आगे क्या होगा जानें

By अजय चौधरी
देश

मोहन भागवत ने पीएम मोदी से की मुलाकात! क्या होने वाला है कुछ बड़ा!

By Dastak Web Team
देश

पहलगाम आतंकी हमला वीडियो: जिप-लाइन ऑपरेटर ने ‘अल्लाहु अकबर’, कह टूरिस्ट को दिया धक्का

By Dastak Web Team
Dastak Logo Small
Facebook Twitter Google-plus Wordpress Wordpress

About US

दस्तक इंडिया एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट खबर वेबसाइट है जहाँ हमलोग ताजा खबरें देश, विदेश ओर बिज़नेस, एंटरटेनमेंट ट्रेवल, रिलिजन, जीवन शैली, क्राइम, राजनीती, इत्यादि आप तक पहुंचाते हैं।

हम लोग एक टीम है पत्रकारिता से जुड़े हुए जिनका मक़सद है लोगों तक सही खबर पहुंचना बिना किसी डर , बिना किसी के फेवर किये हुए।

© Dastak India News Website. All Rights Reserved.

 

Contact Us

Disclaimer 

Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Email Address*

I accept the terms and conditions

Zero spam, Unsubscribe at any buzzstream.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?