Ajit Pawar: इस समय योगी आदित्यनाथ का नारा बटेंगे तो कटेंगे बहुत चर्चा में बना हुआ है, देश में सियासत गरमाई हुई है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे को पीएम मोदी कई रूप में अपनी रेलियों में पेश करने लगे हैं। बीजेपी इस नारे के जरिए विपक्ष की जाति वाली पॉलिटिक्स पर निशाना साध रही है। इन दिनों महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव चर्चा में बने हुए हैं। लेकिन महायुति में इस नारे को लेकर असहमति देखी जा रही है। खासकर अजीत पवार ने, तो खुलकर इस नारे का विरोध किया है। उन्होंने कई मौके पर कहा है, कि ऐसा नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। अब सवाल यह उठता है, कि आखिर इस नारे को बीजेपी मास्टर स्ट्रोक की तरह इस्तेमाल कर रही है, उससे अजीत पवार बेचैन क्यों नजर आ रहे हैं।
सियासी मजबूरी-
आज महायुति का हिस्सा अजीत पवार भले ही हैं और बीजेपी के साथ सरकार में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन उनकी सियासत की बुनियाद बीजेपी की विचारधारा से अलग नजर आ रही है। उन्होंने अपनी सियासी जमीन गैर बराबरी की लड़ाई पर तैयार की है। जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म की इमेज को खुलकर इस्तेमाल नहीं किया है। अजीत पवार की एनसीपी के समर्थन में अभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की भागीदारी अच्छी खासी है। इसीलिए इस नारे से किनारा करना उसकी सियासी मजबूरी है।
मुस्लिम उम्मीदवार-
अजीत पवार ने नवाब मलिक और बाबा सिद्दीकी के बेटे जीश़ान जैसे मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में इस नारे से उनकी रणनीति को झटका लगा है और उनके अल्पसंख्यक वोटर पर इसका असर पड़ सकता है। नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर तो बीजेपी और एनसीपी ने खुलकर बयानबाज़ी भी की थी। नवाब मलिक का कहना था, कि वह भारतीय जनता पार्टी या महायुति के उम्मीदवार नहीं हैं। बल्कि अजीत पवार की एनसीपी के उम्मीदवार हैं। देवेंद्र से भी अजीत पवार के मनमुटाव की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में कहा जा सकता है, कि अजित पवार के लिए यह बयान उनकी सियासत के लिए खतरा हो सकता है।
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अजित पवार ने कहा-
कुछ समय पहले एनसीपी के मुखिया अजित पवार ने कहा था, कि मैं सीएम योगी के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान का समर्थन नहीं करता हूं। महाराष्ट्र में यह नहीं चलता, यह यूपी या झारखंड या कहीं और चलता होगा, यहां नहीं चलता। अजीत पावर ने बटेंगे तो कटेंगे के जवाब में कहा, सबका साथ सबका विकास। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा, कि महाराष्ट्र में बाहर के लोग आकर ऐसे विचार बोल जाते हैं, दूसरे राज्यों के बीजेपी सीएम तय कर रहे हैं, कि मुझे क्या बोलना चाहिए। अजीत पवार ने कहा, हम एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टी की विचारधारा अलग हो सकती है।
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