Mayawati: रविवार को चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए, बहुजन समाजवाद पार्टी प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री प्रमुख मायावती ने उपचुनाव ना लड़ने का फैसला किया है। राज्य की 9 सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है। मायावती ने कहा, कि अब उनकी पार्टी कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हुए चुनाव में बसपा के उम्मीदवार क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है।
सख्त कदम उठाने की मांग (Mayawati)-
जबकि दो सीटें पर आजाद समाज पार्टी और एआइएमआइएम के उम्मीदवारों से भी पीछे पांचवें स्थान पर रहे। बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, कि हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है, कि जब तक देश में फर्जी वोटों को डलने से रोकने के लिए देश के चुनाव आयोग द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता। तब तक हमारी पार्टी देश में कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा, कि जबकि आम चुनाव में इस मामले में थोड़ा बचाव जरूरी हो जाता है।
सत्ता परिवर्तन का डर-
क्योंकि सरकारी मशीनरी सत्ता परिवर्तन के डर से घबराती है। इससे पहले मायावती ने कहा, कि इस बार जो वोट पड़े हैं, वह नतीजे आए हैं उसको लेकर लोगों में आम चर्चा है, कि पहले देश में जब बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होते थे, तो सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते थे और अब तो EVM के जरिए भी यही काम हो रहा है। मायावती ने यह दावा किया है, कि अब यह गतिविधियां आम चुनाव के बजाय खासकर उपचुनावों के दौरान और भी खुलेआम हो रही है।
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लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चेतावनी-
उन्होंने कहा, कि हमने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में यह देखा है, महाराष्ट्र में चुनाव को लेकर भी इसी तरह की चिंताएं जताई गई हैं। यह हमारे देश के लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चेतावनी है। मायावती का कहना है, कि इस स्थिति को देखते हुए हमारी पार्टी ने फैसला किया है, कि हम तब तक उपचुनाव नहीं लड़ेंगे, जब तक भारत का चुनाव आयोग फर्जी मतदान को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाएगा। हम पूरे देश भर में खासकर उत्तर प्रदेश में किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे, इसके साथ ही उन्होंने कहा, कि मैं यहां विशेष रूप से उपचुनाव का जिक्र कर रही हूं।
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