Transportation Projects: साल 2025 भारत के लिए बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए एक जरूरी साल होने वाला है। कश्मीर तक ब्रॉड-गेज रेलवे कनेक्टिविटी से लेकर दिल्ली मेरठ RRTS तक इस साल बहुत सी नई परियोजना शुरू होने वाली हैं। इसके अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत कई जरूरी राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से और देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण भी इस साल ही पूरा होना है। नए साल की शुरुआत के कुछ हफ्तों में कश्मीर के लिए ट्रेन कनेक्टिविटी शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Transportation Projects)-
इस दौरान मेरठ से दिल्ली के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की कमर्शियल सेवाएं भी शुरू होगी। हालांकी इन परियोजनाओं की तारीखों की ऑफिशियल घोषणा अभी तक नहीं हुई है, लेकिन यह अपने आखिरी चरण में है। दिल्ली में आरआरटीएस शुरू होने से मेरठ आने जाने वालों को परिवहन का तेज, सस्ता और सुविधाजनक साधन मिलेगा। अभी तक यह सेवाएं मेरठ और गाजियाबाद के बीच उपलब्धि थी। कई दशकों के इंतजार के बाद कश्मीर तक ब्रॉड-गेज रेलवे कनेक्टिविटी एक वास्तविकता बन चुकी है और अलग-अलग मौसम वाले क्षेत्रों की यात्रा को आसान बनाएगी।
वंदे भारत स्लीपर(Transportation Projects)-
इसके साथ ही वंदे भारत स्लीपर को जल्द ही हरी झंडी दिखाई जाएगी। हालांकि अभी तक दिल्ली या फिर किसी भी अन्य भारतीय शहर से कश्मीर के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। जहां नियमित रेल सेवाएं कश्मीर तक पहुंच रही हों। वहीं रामेश्वरम का इंतजार भी पंबन ब्रिज के अनावरण के साथ खत्म हो जाएगा, जो बनकर तैयार है और इसी साल इसका उद्घाटन भी होगा। कश्मीर तक ट्रेन पहुंचने के लिए उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक क्षेत्र पर पूरा व्यावसायिक संचालन जरूरी है। इसके लिए भारत का पहला केबल-स्टेड हिस्सा रेलवे पुल बनाया गया है और इस पर फिलहाल टेस्टिंग चल रही है।
326 किलोमीटर लंबी रेल लाइन(Transportation Projects)-
श्रीनगर के रास्ते उधमपुर को बारामुल्ला से जोड़ने वाली 326 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का एक हिस्सा कटरा और रियासी को जोड़ता है। पम्बन का पुल भी अंजी खड्ड पुल की तरह ही खास है। क्योंकि यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे पुल है। तमिलनाडु की मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ने वाले 2.05 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा 535 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। मौजूदा पंबन रेल पुल 100 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसे मूल रूप से 1914 में मन्नार की खाड़ी के मंडपम को रामेश्वरम से जोड़ने के लिए बनाया गया था।
नया पुल पुराने रेल पुल के समांतर-
नया पुल पुराने रेल पुल के समांतर बनाया जा रहा है। लेकिन इसमें वर्टिकल लिफ्टिंग की विशेषताएं हैं। इससे भारतीय रेलवे को ज्यादा स्पीड से ट्रेन चलाने के साथ-साथ मुख्य भूमि और रामेश्वरम के बीच में यातायात को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस पुल से क्षेत्र में पर्यटन की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त का कहना है, कि पुल को अगले कुछ हफ्तों में से चालू कर दिया जाएगा। यह तो आने वाली रेल संपर्क परियोजना हैं। वहीं हवाई संपर्क बनाने के लिए भी बहुत से कदम उठाए जा रहे हैं।
दो नए एयरपोर्ट-
जिसमें दो नए एयरपोर्ट जे़वर एयरपोर्ट और नवी मुंबई एयरपोर्ट 2025 में शुरू हो जाएंगे। दोनों ही एयरपोर्ट के अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। ज़ेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सालाना 12 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया हैय़ यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए उड़ान संपर्क को आसान बनाएगा। जिसे एक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं नवी मुंबई एयरपोर्ट का काम पूरा होने पर यह देश के सबसे बड़े ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट में से एक बन जाएगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे-
वहीं दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के एक हिस्से की शुरुआत इसी महीने होने की उम्मीद है। अक्षरधाम और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के बीच सड़क पहले चालू हो जाएगी। जबकि बाकी का बचा हिस्सा समय सीमा के मुताबिक, मार्च तक खोले जाने की संभावना है। इस सड़क के बनने से देहरादून तक की यात्रा का समय 5-6 घंटे से घटकर सिर्फ दो से ढाई घंटे रह जाएगा।
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बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे-
यह सड़क पूर्वी दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होगी और उत्तर प्रदेश के बागपत, मुजफ्फरनगर, श्यामली और सहारनपुर से होकर गुजरेगी। इसी तरह बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे की समय सीमा भी 2025 है। 262 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे की लागत 17,930 है, जो आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों को जोड़ेगा। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, जो जल्द ही पूरा होने वाला है, यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जिसके इसी साल बनकर तैयार होने की उम्मीद है। हालांकि इसके कुछ हिस्सों को इस्तेमाल के लिए खोला जा चुका है।
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