Millennials and Marriage: सदियों से शादी को समाज का आधारस्तंभ माना जाता रहा है। एक पवित्र बंधन, एक साझेदारी और वयस्कता का प्रतीक। लेकिन 1981 से 1996 के बीच जन्मे मिलेनियल्स इस पुरानी परंपरा को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं। प्यू रिसर्च के मुताबिक, 2019 में केवल 44% मिलेनियल्स ही विवाहित थे, जबकि उनकी उम्र में बेबी बूमर्स का 61% हिस्सा शादीशुदा था।
व्यक्तिगत विकास को प्राथमिकता(Millennials and Marriage)-
आज के युवा अपने जीवन में सफलता को नए नज़रिए से देख रहे हैं। उनका फोकस white dress या तुक्सीडो की बजाय करियर, पर्सनल ग्रोथ और जीवन के महत्वपूर्ण अनुभवों पर है। वह खुद से सवाल कर रहे हैं – “क्या मैं वाकई शादी करना चाहता/चाहती हूं या यह समाज का दबाव है?”

वित्तीय स्थिरता का महत्व(Millennials and Marriage)-
मिलेनियल्स आधुनिक इतिहास की सबसे ज्यादा आर्थिक बोझ तले दबी पीढ़ी है। स्टूडेंट लोन, आसमान छूती हाउसिंग कॉस्ट और स्थिर वेतन के बीच, 20-25 लाख का wedding एक्सपेंस उनके लिए प्राथमिकता नहीं है। वह पहले अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर ध्यान दे रहे हैं, चाहे वह कर्ज चुकाना हो, ट्रैवल करना हो या बिज़नेस शुरू करना।
भावनात्मक जुड़ाव की अहमियत-
नई पीढ़ी सामाजिक स्वीकृति से ज्यादा इमोशनल कनेक्शन को महत्व दे रही है। वे कम्पेटिबिलिटिज़, वैल्यूज़ और शेयर्ड गोल जैसे मुद्दों पर गहराई से विचार कर रहे हैं। कई मिलेनियल्स का मानना है, कि शादी खुशी या सुरक्षा की गारंटी नहीं है।
जेंडर इक्वैलिटी का नया दौर-
पारंपरिक विवाह में जेंडर असमानता की लंबी परंपरा रही है। मिलेनियल्स इस पुराने मॉडल को चुनौती दे रहे हैं। वह ऐसी पार्टनरशिप चाहते हैं जहां घरेलू जिम्मेदारियों का समान बंटवारा हो, आर्थिक योगदान दोनों पक्षों का हो और करियर के लिए किसी को समझौता न करना पड़े।

टेक्नोलॉजी का प्रभाव-
डेटिंग ऐप्स जैसे टिंडर, बंबल, और Hinge ने रिलेशनशिप की शुरुआत के तरीके को बदल दिया है। टेक्नोलॉजी लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप्स को सपोर्ट कर रही है, को-पेरेंटिंग को आसान बना रही है और डिजिटल प्री-नप्स के जरिए एसेट्स की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
ये भी पढ़ें- क्यों पश्चिमी देश के लोग अपना रहे हैं भारत की प्रथा? जिसे भारतीय कर रहे हैं इग्नोर
नई परिभाषा, नया दृष्टिकोण-
मिलेनियल्स शादी की पुरानी अवधारणाओं को तोड़कर कुछ बेहतर बना रहे हैं। वे एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं जहां प्यार एक चॉइस है, मजबूरी नहीं। रिश्ते सामाजिक दबाव की बजाय म्यूचुअल रिस्पेक्ट पर आधारित हैं।
मिलेनियल्स शायद विवाह की पारंपरिक अवधारणा को बदल रहे हैं, लेकिन वे प्यार और रिश्तों की एक ज्यादा समावेशी, न्यायसंगत और सार्थक परिभाषा गढ़ रहे हैं। यह क्रांति सेलिब्रेशन के लायक है।
ये भी पढ़ें- Heart Attack आने से पहले दिखते हैं ये लक्षण, एक महीने पहले आखों में दिखने..