Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब नई दिल्ली में बजट 2025 पेश किया, तो उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण कर सुधारों की घोषणा की। यह निर्णय न केवल बुजुर्गों के लिए एक उत्साहजनक खबर है, बल्कि यह उनके वित्तीय दिनचर्या को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा। ऐसे में आइए जानते हैं, कि इन घोषणाओं का प्रभाव क्या होगा और कैसे ये वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को प्रभावित करेंगी।
Budget 2025 कर कटौती की सीमा में वृद्धि-
निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। इस कदम से वरिष्ठ नागरिकों को अधिक वित्तीय राहत मिलेगी। यह मान लेना उचित होगा कि कई वृद्ध लोग जो अब विभिन्न बचत योजनाओं में निवेश करते हैं, उनके लिए यह एक बड़ा सहारा साबित होगा।
Budget 2025 वित्तीय राहत-
सीतारमण ने कहा कि “कई वरिष्ठ नागरिकों के पास बहुत पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (National Savings Scheme) खाते हैं, जिनमें अब ब्याज नहीं मिल रहा है। ऐसे लोग अब अपनी बचत को बिना किसी कर के निकाल सकते हैं।” इसका मतलब यह है कि यदि आपके पास ऐसे खाते हैं जो अब ब्याज नहीं दे रहे हैं, तो आप अपनी बचत को निकाल सकते हैं और आपके ऊपर कोई कर नहीं होगा। यह निर्णय उन वृद्ध लोगों के लिए एक नया अध्याय खोलने वाला है जो आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहना चाहते हैं।
NSS और NPS खातों पर छूट-
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि जो लोग 29 अगस्त 2024 के बाद अपने NSS खातों से पैसे निकालते हैं, उन पर अब कोई कर नहीं लगेगा। उन्होंने NPS वट्सलय खातों के लिए भी ऐसा ही प्रावधान देने का प्रस्ताव रखा, जिससे उन्हें सामान्य NPS खातों की तरह ही राहत मिलेगी।
बचत को बढ़ावा-
मेघना मिश्रा, जो कि करणजवाला एंड कंपनी में सीनियर पार्टनर हैं, ने इस बजट को मध्यवर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत लाभकारी बताया है। उनके अनुसार, “बजट में विभिन्न ऐसे उपाय रखे गए हैं, जो बचत बढ़ाने और उपभोग में वृद्धि करने के लिए लक्षित हैं।”
उच्च TCS और TDS की सीमा-
बजट 2025 में TCS (Tax Collected at Source) की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने और वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS (Tax Deducted at Source) की सीमा को दोगुना करने के निर्णय ने भी बहुतों को राहत दी है। इससे वरिष्ठ नागरिकों की कर संबंधी जिम्मेदारियों को काफी कम किया गया है।
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इस नए फ्रेमवर्क का उद्देश्य है, कि ये सभी वरिष्ठ नागरिकों को लंबी अवधि तक वित्तीय राहत और सुरक्षा प्रदान करें। जब लोगों के पास अधिक बचत होती है, तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक रूप से पड़ता है। अधिक बचत का अर्थ है कि लोग अधिक खर्च कर सकते हैं, जिससे बाजार में मांग बढ़ती है।
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