Global Diamond Market: वैश्विक लक्जरी बाजार में भारत ने एक नया इतिहास रच दिया है। ब्रिटेन स्थित प्रतिष्ठित हीरा कंपनी डी बियर्स ग्रुप के सीईओ अल कुक ने ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में पुष्टि की है, कि भारत अब चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा बाजार बन गया है।
Global Diamond Market भारत की सफलता की कहानी-
भारतीय बाजार में दहाई अंकों की मजबूत वृद्धि ने इस उपलब्धि को संभव बनाया है। डी बियर्स के सीईओ के अनुसार, “यह एक खुशखबरी है कि भारत ने चीन की जगह ले ली है और अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा बाजार बन गया है, जो दोहरे अंकों की दर से बढ़ रहा है।”
Global Diamond Market चीन के बाजार में गिरावट-
चीन के बाजार में गिरावट के पीछे कई कारण हैं। कुक ने बताया, कि चीन में समूचे लक्जरी सेक्टर में मांग में कमी आई है, जो वहां की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का नतीजा है। उन्होंने इसे एक दीर्घकालिक समस्या बताया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चीनी बाजार में स्थिरता आ रही है, लेकिन पूरी रिकवरी में समय लगेगा।
घरेलू बाजार का महत्व-
एक रॉयटर्स रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन में मांग कम होने से भारत के कट और पॉलिश्ड हीरों के निर्यात में गिरावट आई है। हालांकि इसका एक सकारात्मक पहलू यह रहा है कि घरेलू बाजार में हीरों की खपत बढ़ी है, जिसने भारत की वैश्विक बाजार में स्थिति को और मजबूत किया है।
लैब-ग्रोन बनाम नेचुरल डायमंड्स-
कुक ने लैब-ग्रोन डायमंड्स के बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा की, खासकर अमेरिका में, जहां इनकी वजह से प्राकृतिक हीरों की मांग प्रभावित हुई है। उन्होंने एक रोचक तुलना करते हुए कहा, “लैब-ग्रोन डायमंड्स की तुलना मोना लिसा की नकल से की जा सकती है। एक प्राकृतिक हीरे को बनने में पृथ्वी की सतह के नीचे एक अरब साल लगते हैं, जबकि लैब-ग्रोन डायमंड चीन में एक माइक्रोवेव में तीन हफ्तों में तैयार हो जाता है।”
वैश्विक मांग के पैटर्न को आकार-
भारत का हीरा बाजार लगातार विस्तार कर रहा है और यह वैश्विक मांग के पैटर्न को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डी बियर्स की रणनीति प्राकृतिक हीरों की प्रामाणिकता और विरासत को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जो लैब-ग्रोन विकल्पों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण हो सकती है।
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लक्जरी मार्केट में मंदी-
चीन के लक्जरी मार्केट में मंदी और भारत के प्रभावशाली विकास के साथ, वैश्विक हीरा उद्योग एक मौलिक पुनर्गठन का साक्षी बन रहा है, जो भारत को लक्जरी और ज्वैलरी क्षेत्रों में एक उभरते सितारे के रूप में स्थापित कर रहा है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि देश के बढ़ते मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति और बदलती जीवनशैली का भी प्रमाण है।
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