Chandni Chowk Traffic Restrictions: दिल्ली की धड़कन कहे जाने वाले चांदनी चौक में यातायात व्यवस्था को लेकर एक बड़ा बदलाव किया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी करते हुए लाल किले से फतेहपुरी तक के मार्ग पर 12 घंटे का यातायात प्रतिबंध लागू किया है। इस नए नियम के तहत सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक यह पूरा क्षेत्र नॉन-मोटराइज्ड वाहन (एनएमवी) जोन घोषित किया गया है।
Chandni Chowk Traffic Restrictions प्रवेश द्वारों पर बूम बैरियर-
सड़क की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सभी प्रवेश द्वारों पर बूम बैरियर लगाए गए हैं। यह कदम दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुरूप उठाया गया है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं के लिए कुछ विशेष छूट दी गई है। आपातकालीन वाहनों जैसे फायर टेंडर, एंबुलेंस, शव वाहन और गर्भवती महिलाओं या मरीजों को ले जाने वाले वाहनों को एचसी सेन मार्ग और खारी बावली से प्रवेश की अनुमति होगी।
Chandni Chowk Traffic Restrictions मेंटेनेंस टीमों के वाहन-
इसके अलावा, नॉर्थ डीएमसी, दिल्ली पुलिस और विभिन्न उपयोगिताओं की मेंटेनेंस टीमों के वाहनों को भी विशेष अनुमति प्रदान की गई है। ट्रैफिक पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे यातायात कर्मियों के साथ सहयोग करें और नियमों का पालन करें, जिससे यातायात का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके।
पार्किंग की समस्या-
इसी के साथ, दिल्ली परिवहन विभाग ने पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित किए हैं। दिल्ली मेंटेनेंस एंड मैनेजमेंट ऑफ पार्किंग रूल्स, 2024 में प्रस्तावित बदलावों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस द्वारा जब्त किए गए वाहनों को अब 30 दिनों के भीतर छोड़ना होगा। यह अवधि पहले 90 दिन थी। यदि इस समय सीमा में वाहन नहीं छुड़ाए जाते हैं, तो उन्हें नीलाम किया जा सकता है।
पार्किंग प्रबंधन प्रक्रिया-
इन प्रस्तावित संशोधनों पर जनता से अगले एक महीने तक फीडबैक मांगा गया है। ये बदलाव शहर की सड़कों पर बढ़ती भीड़ को कम करने और पार्किंग प्रबंधन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नियमों से न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
ये भी पढ़ें- केरल के हिल हाईवे से गायब हुआ 7 किमी का रास्ता, स्थानीय लोगों ने…
शुरुआत में थोड़ी परेशानी-
चांदनी चौक के व्यापारियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह कदम फायदेमंद साबित होगा। इस ऐतिहासिक बाजार की सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी यह नियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ये भी पढ़ें- भूकंप के बाद दिल्ली-एनसीआर में और झटकों की आशंका? जानें केंद्र ने क्या कहा