दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) की महिला छात्रों को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने पकड़ा है और उन्हें विरोध प्रदर्शन करने से रोका है। ये छात्राएं दिल्ली में जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों के पक्ष में अपना विरोध सरकार को जता रही थी। परेशान करने वाली बात यह है कि इन महिलाओं ने पुलिस के हाथों अनुचित व्यवहार और शारीरिक शोषण के आरोप लगाए हैं। पहलवान बजरंग पुनिया ने दिल्ली के इन छात्रों से अपने पक्ष में मदद मांगी थी जिसके बाद इन छात्राओं ने खिलाडियों के पक्ष में ये मार्च निकाला था। वहीं पहलवानों ने एकजुटता दिखाते हुए इन युवतियों के प्रति दिल्ली पुलिस के निंदनीय आचरण की घोर निंदा की है। दिल्ली पुलिस ने धरने पर बैठी छात्राओं को वहां से जबरन उठा कर बसों में भर लिया, छात्राओं का साथ युवा छात्र भी दे रहे थे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने आंदोलित महिला पहलवानों के समर्थन में एक मार्च निकाला था। उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
उत्पीड़क खुला घूम रहा है, लेकिन पुलिस उसको पकड़ने की बजाय उन लोगों को पकड़ रही है जो महिला पहलवानों के समर्थन में आ रहे हैं।
यह बहुत शर्मनाक है। pic.twitter.com/2rJecDPyjl
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) May 3, 2023
इस बीच, पहलवान दिल्ली में प्रतिष्ठित जंतर मंतर पर अपने धरना कायम रखे हुए हैं, जहां वे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में विरोध कर रहे हैं। वहीं धरनारत पहलवानों ने देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा व्यवस्था को त्यागने का विकल्प चुना है। इस विवरण में दो कांस्टेबल शामिल था, जो 12-12 घंटे की शिफ्ट में खिलाड़ियों के साथ रहते।
खिलाड़ियों का कहना है कि अगर वे जंतर-मंतर पर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते तो वो देश के किसी भी हिस्से में अपने आप को सुरक्षित कैसे मान सकते हैं। उनका विरोध अंत्यंत शांतिपूर्ण है और यहां लगातार उनके समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में उन्हें ये भी ध्यान रखना है कि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ कोई गड़बड़ी न हो।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने आंदोलित महिला पहलवानों के समर्थन में एक मार्च निकाला था।
महिला पहलवानों का उत्पीड़क खुला घूम रहा है, लेकिन पुलिस उसको पकड़ने की बजाय उन लोगों को पकड़ रही है जो महिला पहलवानों के समर्थन में आ रहे हैं।
आंदोलित महिला पहलवान इसकी निंदा करती हैं।… pic.twitter.com/BxiSIuB7U1
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) May 3, 2023
जंतर-मंतर आई पीटी ऊषा ने क्या कहा-
भारतीय ओलंपिक संघ की सम्मानित अध्यक्ष पीटी उषा बुधवार को जंतर-मंतर पर उपस्थित हुईं। वहां, उन्होंने सम्मानित पहलवानों विनेश फोगट, साक्षी मलिक और अन्य उल्लेखनीय पहलवानों के साथ शालीनता से बातचीत की, जो शांतिपूर्ण धरने के लिए एकत्र हुए थे। बजरंग पुनिया ने प्रशंसा करते हुए खुलासा किया कि उषा ने साहसपूर्वक कुश्ती समुदाय को अपना समर्थन देने का वादा किया है और कहा है कि वो किसी भी पद से पहले एक खिलाड़ी हैं और उनके हितों की रक्षा वो करेंगी।
बजरंग बोले, हम खत्म नहीं करेंगे धरना-
बजरंग ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता और बृजभूषण शरण सिंह को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाता, तब तक हम यहां रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भले ही पीटी उषा ने देश की प्रतिष्ठा पर हमारे विरोध के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की हो, लेकिन हम सम्मानपूर्वक असहमत हैं और मानते हैं कि न्याय और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमारा ये धरना खिलाडियों के सम्मान में बेहद जरुरी है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने आंदोलित महिला पहलवानों के समर्थन में एक मार्च निकाला था। उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
उत्पीड़क खुला घूम रहा है, लेकिन पुलिस उसको पकड़ने की बजाय उन लोगों को पकड़ रही है जो महिला पहलवानों के समर्थन में आ रहे हैं।
यह बहुत शर्मनाक है।… pic.twitter.com/8c5WoLB1U5
— Mohit Tomar (@i_mohittomar) May 3, 2023
विनेश ने क्या कहा-
इसके विपरीत, विनेश फोगट ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारी हड़ताल को समाप्त करने की पहल केंद्रीय खेल मंत्री, अनुराग ठाकुर के साथ शुरुआत में बातचीत के बाद की गई थी लेकिन उसका तीन माह तक भी कोई नतीजा नहीं निकला था। एथलीटों ने बहादुरी से यौन उत्पीड़न के इस मामले को उठाया था लेकिन आखिर में सिवाए छलावे के उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
विनेश ने बताया कि जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन से कई महीने पहले उन्होंने एक अधिकारी को इस घटना के बारे में बताया था लेकिन उससे कोई नतीजा नहीं निकला। विनेश ने कहा हमने उन महिला एथलीटों के दुखद अनुभवों को याद किया जो यौन उत्पीड़न और मनोवैज्ञानिक पीड़ा का शिकार हुई हैं। हमारी शिकायत के बावजूद, कोई कदम नहीं उठाया गया है। जिससे हमने एक स्टैंड के रुप में धरने का रास्ता चुना है ताकि पूरे देश तक न्याय के लिए हम अपनी आवाज पहुंचा सकें। विनेश ने माना एक शक्तिशाली व्यक्ति के अधिकार को चुनौती देना उनपर भारी पड़ सकता है। वो काफी लंबे समय से यौन शोषण करता आ रहा है।
मेनका गांधी ने दिया खिलाड़ियों का साथ-
इसके विपरीत भाजपा की सांसद मेनका गांधी ने पहलवानों की वाजिब मांगों का समर्थन किया है। हाल ही में एक कार्यक्रम में, उसने अपनी निराशा व्यक्त की और बेटियों को न्याय दिलाने के लिए भगवान से प्रार्थना की।