PM Modi Pakistan Peace: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक दिलचस्प इंटरव्यू में पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों और शांति के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। तीन घंटे से अधिक लंबे इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के नेतृत्व को आमंत्रित करने के निर्णय से लेकर बार-बार मिली निराशाओं तक का खुलासा किया। यह साक्षात्कार रविवार को प्रसारित किया गया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों से लेकर नेतृत्व तक कई विषयों पर बातचीत हुई।
PM Modi Pakistan Peace भारत का प्रयास और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया-
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों में “नए सिरे से शुरुआत” करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा, “मेरे शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के नेतृत्व को आमंत्रित करना दशकों में एक अनोखा कूटनीतिक कदम था। वही लोग जो कभी मेरी विदेश नीति पर सवाल उठाते थे, वे भी हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि मैंने सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था।”
𝐏𝐌 𝐌𝐨𝐝𝐢 𝐝𝐢𝐬𝐜𝐮𝐬𝐬𝐞𝐬 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 – 𝐏𝐚𝐤𝐢𝐬𝐭𝐚𝐧 𝐫𝐞𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐧 𝐋𝐞𝐱 𝐅𝐫𝐢𝐝𝐦𝐚𝐧’𝐬 𝐩𝐨𝐝𝐜𝐚𝐬𝐭:
" When I became Prime Minister, I specially invited Pakistan to my swearing-in ceremony so we could turn over a new leaf.
Yet, every noble attempt at… pic.twitter.com/0x1s4jwoek
— All India Radio News (@airnewsalerts) March 16, 2025
पीएम मोदी ने बताया, कि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा में इस ऐतिहासिक कदम का उल्लेख भी किया था। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह आमंत्रण इस बात का प्रमाण था कि भाजपा सरकार के तहत भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आत्मविश्वासी हो गई थी।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “इससे दुनिया को शांति और सद्भाव के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का स्पष्ट संदेश गया, लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिला।”
PM Modi Pakistan Peace हर शांति प्रयास पर मिली धोखेबाज़ी-
पॉडकास्ट के दौरान पीएम मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “फिर भी, शांति को बढ़ावा देने के हर नेक प्रयास को शत्रुता और विश्वासघात से जवाब मिला। हम ईमानदारी से आशा करते हैं कि बुद्धिमत्ता उन पर हावी हो और वे शांति का मार्ग चुनें।”
इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत ने बार-बार शांति के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन हर बार पाकिस्तान की ओर से इन पहलों को नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। यह दिखाता है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन पड़ोसी देश की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
🇮🇳 India PM Narendra Modi shocking revelations in Lex Fridman podcast🎙️
Here are key takeaways👇
🎙️ 🇮🇳India doesn’t sit on the fence in war—we stand for peace, dialogue, and Buddha’s legacy.
🎙️I invited Pakistan 🇵🇰 to my swearing-in, but some neighbors prefer conflict over… pic.twitter.com/wqbLLRLJMB
— Sumit Kapoor (@moneygurusumit) March 16, 2025
PM Modi Pakistan Peace भारत की विदेश नीति में बदलाव-
द लेक्स फ्रिडमैन शो पर इस साक्षात्कार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश नीति में आए बदलावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारत अब एक आत्मविश्वासी देश के रूप में दुनिया के सामने खड़ा है और अपनी शर्तों पर अंतरराष्ट्रीय संबंध स्थापित कर रहा है।
“हमारी विदेश नीति का मुख्य आधार ‘नेशन फर्स्ट’ है,” पीएम मोदी ने कहा। “हम दुनिया के किसी भी देश के साथ सम्मानजनक और बराबरी के संबंध चाहते हैं, लेकिन राष्ट्रीय हित से कोई समझौता नहीं करेंगे।” इस इंटरव्यू से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत के नेतृत्व में गहरी समझ और दूरदर्शिता है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की स्थिति को मजबूत करने में मदद कर रही है।
व्यक्तिगत और राजनीतिक दृष्टिकोण-
लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक दृष्टिकोण को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि उनका मानना है कि राजनीति में भी मानवीय मूल्यों का महत्व होना चाहिए। “मेरा मानना है कि राजनीति सिर्फ सत्ता हासिल करने का माध्यम नहीं है, बल्कि लोगों की सेवा करने का एक अवसर है,” पीएम मोदी ने कहा। “इसी भावना से मैंने पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार का प्रयास किया था, ताकि दोनों देशों के नागरिकों को शांति और समृद्धि का लाभ मिल सके।”
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उम्मीदें-
हालांकि अब तक के प्रयास सफल नहीं हुए हैं, पीएम मोदी ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में स्थितियां बदल सकती हैं। उन्होंने कहा, “हम अपनी ओर से हमेशा शांति के लिए तैयार हैं, लेकिन यह दोनों पक्षों की इच्छा पर निर्भर करता है। हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में पाकिस्तान भी शांति और सहयोग के इस रास्ते पर चलेगा।”
इस पॉडकास्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों पर अपने विचार साझा किए, बल्कि एक वैश्विक नेता के रूप में अपनी सोच और दृष्टिकोण को भी दुनिया के सामने रखा। इस इंटरव्यू से यह भी पता चलता है कि भारत अब एक आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, जो अपनी शर्तों पर दुनिया से बात करता है और अपने हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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