Sunita Williams Space Travel: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर आज 18 मार्च को लंबे इंतजार के बाद धरती पर लौट रहे हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री SpaceX के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में समुद्र में उतरेंगे। इनकी वापसी की कहानी एक रोमांचक यात्रा है जिसमें अप्रत्याशित मोड़ और अद्भुत वैज्ञानिक चुनौतियां शामिल हैं।
Sunita Williams Space Travel स्ट्रेचर पर क्यों लाए जाएंगे अंतरिक्ष यात्री?
जब सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर धरती पर लौटेंगे, तो आप उन्हें स्ट्रेचर पर देखकर चिंतित हो सकते हैं। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है! यह कोई आपात स्थिति नहीं है बल्कि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा प्रोटोकॉल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दरअसल, अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद अचानक चलना-फिरना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मुश्किल होता है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, अंतरिक्ष से लौटने के बाद शरीर को धरती के गुरुत्वाकर्षण से फिर से अभ्यस्त होने में समय लगता है। “अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहने के बाद, हमारा शरीर धरती के गुरुत्वाकर्षण को पुनः महसूस करने में समायोजन करता है,” नासा के एक वैज्ञानिक ने बताया। “ये स्ट्रेचर हमारे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।”
Sunita Williams Space Travel शून्य गुरुत्वाकर्षण का मानव शरीर पर प्रभाव-
जब हम धरती पर रहते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण हमारे शरीर को नियंत्रित करता है। लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं होता। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) लगातार पृथ्वी की ओर फ्री-फॉल की स्थिति में रहता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को वजनहीनता का अहसास होता है।
इस अवस्था में रहने से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं:-
1. मांसपेशियों में कमजोरी
2. हड्डियों में घनत्व का कम होना
3. संतुलन बनाए रखने वाले सिस्टम का कमजोर पड़ना
4. रक्त के प्रवाह में परिवर्तन
जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटते हैं, तो उनका शरीर फिर से गुरुत्वाकर्षण को महसूस करने की कोशिश करता है। इससे उन्हें चक्कर आना, कमजोरी और स्पेस मोशन सिकनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
Sunita Williams Space Travel सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का अप्रत्याशित अंतरिक्ष प्रवास-
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का अंतरिक्ष में रुकना एक छोटी अवधि के लिए निर्धारित था, लेकिन परिस्थितियों ने इसे ऐतिहासिक लंबी यात्रा में बदल दिया। दोनों अंतरिक्ष यात्री 5 जून, 2024 को बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में ISS पहुंचे थे। मूल योजना के अनुसार, उन्हें कुछ हफ्तों में ही वापस आना था। लेकिन जब इंजीनियरों ने स्टारलाइनर में हीलियम लीक और प्रोपल्शन सिस्टम में खराबी का पता लगाया, तो स्थिति बदल गई। स्टारलाइनर अब वापसी के लिए असुरक्षित हो गया था। “हमारे लिए अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है,” नासा के अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया। “हम जोखिम नहीं ले सकते थे।”
नई योजना SpaceX ड्रैगन कैप्सूल-
अगस्त 2024 में, नासा ने स्वीकार किया कि विलियम्स और विल्मोर की वापसी में देरी होगी। उन्होंने 2025 की शुरुआत में SpaceX मिशन के जरिए उनकी वापसी की योजना बनाना शुरू किया। सितंबर 2024 में स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों के बिना ही पृथ्वी पर वापस लौटा, जिससे अन्य अंतरिक्ष यान के लिए डॉकिंग पोर्ट खाली हो गया। इसके बाद, नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए SpaceX के ड्रैगन क्रू कैप्सूल को चुना। SpaceX का ड्रैगन कैप्सूल अब तक का सबसे भरोसेमंद अंतरिक्ष यान साबित हुआ है। यह कैप्सूल अब तक 49 बार लॉन्च हो चुका है, 44 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुका है और 29 बार रीफ्लाइट किया जा चुका है।
अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्वास्थ्य चुनौतियां-
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से अंतरिक्ष यात्रियों को कई शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शून्य गुरुत्वाकर्षण में, मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। हालांकि, अंतरिक्ष यात्री इन समस्याओं से निपटने के लिए रोजाना कई घंटे व्यायाम करते हैं। ISS पर विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की नकल करते हैं। “हम प्रतिदिन लगभग दो घंटे व्यायाम करते हैं,” सुनीता विलियम्स ने एक वीडियो कॉल के दौरान बताया था। “इससे हमारी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत रखने में मदद मिलती है।” फिर भी, अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से मसल और बोन लॉस अनिवार्य हो जाता है। इसीलिए धरती पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों का पुनर्वास प्रोग्राम शुरू किया जाता है।
वापसी का प्रोटोकॉल-
आज जब सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर SpaceX क्रू ड्रैगन कैप्सूल में समुद्र में उतरेंगे, तो एक विशेष टीम उनकी सहायता के लिए तैयार रहेगी। कैप्सूल खोलने के बाद, उन्हें सावधानीपूर्वक स्ट्रेचर पर लिटाया जाएगा और मेडिकल टीम द्वारा उनका तुरंत परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद उन्हें पुनर्वास केंद्र ले जाया जाएगा, जहां वे धरती के गुरुत्वाकर्षण से फिर से अभ्यस्त होने का प्रशिक्षण लेंगे। इस पूरी प्रक्रिया में कई हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार, अधिकांश अंतरिक्ष यात्री कुछ महीनों में पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
एक ऐतिहासिक मिशन-
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का यह मिशन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है। सुनीता विलियम्स ने अपने इस मिशन के साथ ही अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री का रिकॉर्ड भी बनाया है। भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स, जिन्होंने पहले भी कई अंतरिक्ष मिशन पूरे किए हैं, एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं। उनका यह मिशन दुनिया भर के युवा वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
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विज्ञान और मानव क्षमता का जश्न-
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी विज्ञान और मानव क्षमता के जश्न का प्रतीक है। उनके मिशन से प्राप्त वैज्ञानिक डेटा भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए अमूल्य साबित होगा। “हम लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के प्रभावों के बारे में बहुत कुछ सीख रहे हैं,” नासा के एक वैज्ञानिक ने बताया। “यह जानकारी हमें भविष्य के चंद्रमा और मंगल मिशनों की योजना बनाने में मदद करेगी।” इस प्रकार, आज की वापसी न केवल दो अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी है, बल्कि मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन भी है।
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