Trump Auto Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा ऐलान किया है जो पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के परिदृश्य को बदल सकता है। बुधवार को घोषित 25 प्रतिशत ऑटोमोबाइल इम्पोर्ट टैरिफ न केवल अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि दुनिया भर की ऑटोमोबाइल कंपनियों की सप्लाई चेन को गहराई से प्रभावित करेगा। यह निर्णय अमेरिकी व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
Trump Auto Tariffs टैरिफ का विस्तृत परिप्रेक्ष्य-
ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि यह टैरिफ केवल पूरी तरह से निर्मित वाहनों तक सीमित नहीं होगा। इसमें इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन सिस्टम और इलेक्ट्रिकल असेंबली जैसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स भी शामिल होंगे। अनुमान है कि यह कदम सालाना लगभग 100 अरब डॉलर का राजस्व उत्पन्न कर सकता है।
Trump Auto Tariffs भारतीय ऑटो उद्योग पर प्रभाव-
भारत के लिए यह एक जटिल परिस्थिति है। वर्तमान में भारत का अमेरिका को ऑटो निर्यात मैक्सिको, कनाडा और जापान की तुलना में कम है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024 में भारत ने 21.2 बिलियन डॉलर के ऑटो कंपोनेंट्स का निर्यात किया है, जो वैश्विक ऑटो कंपोनेंट बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सा रखता है।
Trump Auto Tariffs प्रमुख भारतीय कंपनियों की चुनौतियां-
टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) सबसे अधिक प्रभावित हो सकती है। अमेरिका उनके कुल बिक्री का 22 प्रतिशत हिस्सा है। रॉयल एनफील्ड के निर्माता एचर मोटर्स और सोना बीएलडब्ल्यू प्रेसिजन फोर्जिंग्स जैसी कंपनियों को भी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का विश्लेषण-
जाटो डायनेमिक्स इंडिया के अध्यक्ष रवि जी भटिया का मानना है कि यह प्रभाव एक ‘सुनामी’ नहीं होगा। उनका कहना है कि भारतीय आपूर्तिकर्ता अपना बाजार हिस्सा बनाए रखने के लिए रणनीति बदल सकते हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया-
कनाडा के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इसे अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक संकट बताया। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भी अमेरिकी निवेश और रोजगार को देखते हुए इस टैरिफ की आलोचना की। यूरोपीय देश भी प्रतिकार की तैयारी में हैं।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता-
मार्च 25 से 29 तक एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत में वार्ता करेगा। दोनों देश 2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रख रहे हैं। यह वार्ता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा दे सकती है।
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चुनौतियां और अवसर-
यह टैरिफ वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती है। भारतीय कंपनियों को तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में अपनी रणनीति को पुनर्परिभाषित करना होगा। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह समय नए बाजारों की तलाश और घरेलू उत्पादन को मजबूत करने का है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह ऑटो इम्पोर्ट टैरिफ एक जटिल व्यापारिक रणनीति है जिसका प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा होगा। भारतीय ऑटो उद्योग को लचीला और नवाचार-केंद्रित होने की आवश्यकता होगी ताकि इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति से निपटा जा सके।
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