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Dastak India > Home > एजुकेशन > स्कूलों में क्या है लाइब्रेरी अरेस्ट? दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने ऐसे स्कूल के खिलाफ लिया सख्त एक्शन
एजुकेशन

स्कूलों में क्या है लाइब्रेरी अरेस्ट? दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने ऐसे स्कूल के खिलाफ लिया सख्त एक्शन

अजय चौधरी
Last updated: April 15, 2025 1:30 pm
अजय चौधरी
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Library Arrest Schools Delhi CM Rekha Gupta Action
Photo Source- Video grab from X
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दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने एक्स पर ट्वीट कर जानकारी दी कि वो अपने जनसंवाद कार्यक्रम में थी जहां उन्हें दिल्ली के मॉडल टाउन स्थित क्वीन मैरी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों और छात्रों की शिकायत मिली, जिसमें मनमानी फीस न भरने को लेकर बच्चों को लाइब्रेरी अरेस्ट कर रखा जा रहा था। सीएम ने इस मामले में क्या एक्शन लिया और ये पूरा मामला क्या है वो जानते हैं लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि क्या है ये लाइब्रेरी अरेस्ट।

Contents
लाइब्रेरी अरेस्ट क्या है?दिल्ली सरकार का रुख-विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट-हालिया मामले और विवाद-दिल्ली सरकार का रुख और कार्रवाई-व्यापक संदर्भ और अन्य राज्यों में मामले-बच्चों पर पड़ने वाला असर-संभावित समाधान और समाज की भूमिका-

लाइब्रेरी अरेस्ट क्या है?

यह प्रैक्टिस मुख्य रूप से प्राइवेट स्कूलों में देखी जाती है, जहां फीस न भरने पर बच्चों को क्लासरूम से निकालकर लाइब्रेरी में बैठाया जाता है। उन्हें बेसिक सुविधाएं जैसे पानी पीना या शौचालय जाने से भी रोका जाता है। यह बच्चों के अधिकारों का हनन है और उनकी शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

दिल्ली सरकार का रुख-

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे पर तुरंत एक्शन लिया है। उन्होंने वीडियो में आदेश की पालना न करने पर संबधित स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की बात कही है, और स्कूल प्रशासन को दिल्ली सचिवालय में आने के आदेश दिए हैं। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। X पोस्ट के लिए लिंक: X Post.

आज जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान क्वीन मैरी स्कूल, मॉडल टाउन से संबंधित एक मामला सामने आया, जिसमें बच्चों के परिजनों ने गलत तरीके से फीस वसूली और बच्चों को स्कूल से निकाले जाने की शिकायत दर्ज की।

इस विषय पर तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल जांच कर कड़ी और आवश्यक… pic.twitter.com/gVThK6jFTn

— Rekha Gupta (@gupta_rekha) April 15, 2025

विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट-

इस खबर का विश्लेषण करते हुए, हमने कई स्रोतों से जानकारी जुटाई है, जिसमें दिल्ली के स्कूलों में लाइब्रेरी अरेस्ट की प्रैक्टिस और सरकार के रुख को समझने की कोशिश की है। यह मुद्दा न केवल बच्चों के अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और समानता की मांग भी उठाता है। नीचे दी गई तालिका में मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है:

स्कूल का नामस्थानशिकायतसरकारी कार्रवाई
क्वीन मैरी स्कूलमॉडल टाउन, दिल्लीफीस वृद्धि, बच्चों को लाइब्रेरी में बंदजांच के आदेश, सख्त एक्शन की बात
डीपीएस द्वारकाद्वारका, दिल्लीफीस हाइक, लाइब्रेरी में सजापेरेंट्स के विरोध, शिक्षा विभाग की नोटिस
डीपीएस वसंत कुंज, रोहिणीदिल्लीबच्चों को कक्षा से निकालकर लाइब्रेरी में बैठानाNCPCR ने नोटिस लिया, सलाह जारी

हालिया मामले और विवाद-

दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल में हाल ही में एक मामला सामने आया, जहां पेरेंट्स ने शिकायत की कि स्कूल ने फीस गलत तरीके से बढ़ाई और बच्चों को लाइब्रेरी में बंद रखा। यह शिकायत जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सामने आई, जिस पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है X Post.

इसी तरह, DPS Dwarka में पेरेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया, जहां बच्चों को फीस न भरने पर लाइब्रेरी में बैठाया गया। पेरेंट्स का आरोप है कि स्कूल ने अनुमोदित फीस से अधिक वसूली की और बच्चों को सजा दी Times of India Report. DPS Vasant Kunj और Rohini में भी ऐसी शिकायतें सामने आई हैं, जहां बच्चों को कक्षा से निकालकर लाइब्रेरी में बैठाया गया, जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने नोटिस लिया Indian Express Report.

दिल्ली सरकार का रुख और कार्रवाई-

दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। शिक्षा विभाग (DoE) ने स्कूलों की जांच शुरू की है और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए कहा है। 2020 में, दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया था कि प्राइवेट स्कूल फीस में वृद्धि नहीं कर सकते और केवल मासिक ट्यूशन फीस वसूल सकते हैं, लेकिन कई स्कूलों ने इस आदेश का उल्लंघन किया The Print Report. हाल ही में, सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर क्रैकडाउन शुरू किया है, खासकर उन स्कूलों पर जो अवैध फीस वसूल रहे हैं India Today Report.

व्यापक संदर्भ और अन्य राज्यों में मामले-

यह समस्या केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। उदाहरण के लिए, ओडिशा में Apeejay School का एक मामला सामने आया, जहां 34 बच्चों को फीस न भरने पर पांच घंटे तक लाइब्रेरी में बंद रखा गया Hindustan Times Report. यह दिखाता है कि यह एक राष्ट्रीय स्तर की समस्या है, जहां प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं और बच्चों को सजा दे रहे हैं।

ये भी पढ़ें- प्राइवेट स्कूलों पर दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, यूनिफ़ॉर्म से लेकर किताबों पर ये नए नियम किए लागू

बच्चों पर पड़ने वाला असर-

लाइब्रेरी अरेस्ट जैसी सजा बच्चों को मानसिक रूप से प्रभावित करती है। उन्हें शर्मिंदगी और डर का सामना करना पड़ता है, जो उनकी पढ़ाई और विकास पर असर डालता है। यह न केवल उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि उनके भविष्य को भी दांव पर लगाता है। पेरेंट्स का कहना है कि यह प्रैक्टिस बच्चों में आत्मविश्वास की कमी और स्कूल से डर पैदा करती है।

संभावित समाधान और समाज की भूमिका-

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को सख्त नियम बनाने चाहिए ताकि स्कूल मनमानी फीस न बढ़ाएं। पेरेंट्स को भी एकजुट होकर अपनी आवाज उठानी चाहिए, जैसा कि ओडिशा में OPAF (Organisation of Parent Associations’ Forum) ने 2017 में किया था। स्कूलों में पारदर्शिता होनी चाहिए और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त मॉनिटरिंग जरूरी है। अगर स्कूल नियम तोड़ते हैं, तो उनकी रजिस्ट्रेशन रद्द करने जैसे कदम उठाए जाने चाहिए।

TAGGED:क्वीन मैरी स्कूलदिल्ली सरकारबच्चों के अधिकारलाइब्रेरी अरेस्टस्कूल फीस
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By अजय चौधरी
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अजय चौधरी दस्तक इंडिया मीडिया समूह के मुख्य संपादक हैं, 2016 में उन्होंने इस समूह की स्थापना की थी। इससे पहले उन्होंने अखबार से लेकर टीवी क्षेत्र में अपना कौशल दिखाया है।
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