दिल्ली की सर्दियां शुरू होते ही स्मॉग का साया गहरा जाता है। हर साल प्रदूषण लोगों का जीना मुहाल कर देता है। लेकिन, अब दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। Commission for Air Quality Management ने Direction No. 88 के तहत 1 नवंबर 2025 से बाहर के पुराने कमर्शियल वाहनों पर बैन लगा दिया है। ये फैसला दिल्ली की हवा को साफ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
पुराने कमर्शियल वाहनों पर बैन का मतलब क्या?
कमर्शियल वाहन जैसे LGVs, MGVs, और HGVs, जो BS-VI, CNG, LNG, या EV नहीं हैं, उन्हें दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। हालांकि, दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों को छूट दी गई है। इसका मतलब, पुराने डीजल ट्रक और बसें अब दिल्ली की सड़कों पर धुंआ नहीं उड़ाएंगे। इस कदम से प्रदूषण में कमी आएगी और दिल्लीवासियों को साफ हवा मिलेगी।

दिल्लीवासियों के लिए राहत की सांस
दिल्ली में प्रदूषण की वजह से बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। अस्थमा और सांस की बीमारियां आम हो गई हैं। World Health Organization के मुताबिक, प्रदूषण से हर साल लाखों लोग बीमार पड़ते हैं। इसलिए, पुराने कमर्शियल वाहनों पर बैन जैसे कदम जरूरी हैं। अब दिल्लीवाले साफ हवा में सांस ले सकेंगे। ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी हाइ-टेक और इको-फ्रेंडली बनने का मौका मिलेगा।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर क्या होगा असर?
ये बैन ट्रांसपोर्ट वालों के लिए चुनौती भी है। पुराने वाहनों को BS-VI या CNG में अपग्रेड करना होगा। नहीं तो, दिल्ली में बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन, ये बदलाव लंबे समय में फायदेमंद है। Ministry of Road Transport के अनुसार, नए स्टैंडर्ड्स से न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि फ्यूल एफिशिएंसी भी बढ़ेगी। छोटे बिजनेस वाले ड्राइवर्स को सरकार से सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी।

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दिल्लीवासियों की जिम्मेदारी भी
सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं चलेगा। दिल्लीवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। कारपूलिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, और साइकिलिंग जैसे ऑप्शन्स अपनाने चाहिए। अगर हम सब मिलकर कोशिश करें, तो दिल्ली की हवा को और साफ कर सकते हैं। Delhi Government ने पहले भी कई कैंपेन चलाए हैं, जिनमें पब्लिक ने साथ दिया है। अब फिर से वक्त है एकजुट होने का।
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