नई दिल्ली में मंगलवार शाम को एक बड़ी खबर ने सबका ध्यान खींचा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात 7, लोक कल्याण मार्ग पर पीएम के आवास पर हुई। इंडिया टुडे के सूत्रों के मुताबिक, यह मोहन भागवत ने पीएम मोदी से मुलाकात का मौका पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया। देश में तनाव बढ़ा हुआ है। लोग जानना चाहते हैं कि इस मुलाकात का मकसद क्या था? आइए, इसे समझते हैं।
पहलगाम हमले ने दिल को झकझोरा
पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 5-6 आतंकियों ने बाइसारन मीडोज में घुसपैठ की। उन्होंने टूरिस्ट्स पर टारगेटेड हमला किया। इस हमले में 26 आम नागरिकों की जान चली गई। पूरे देश में गम और गुस्सा फैल गया। लोग कह रहे हैं कि ऐसे हमलों को रोकना जरूरी है। इसी बीच मोहन भागवत ने पीएम मोदी से मुलाकात की खबर ने नई उम्मीद जगाई।
भागवत का गुस्सा और अपील
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक पब्लिक इवेंट में इस हमले पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा, “लोगों को धर्म पूछकर मारा गया।” यह सुनकर हर हिंदुस्तानी का दिल दुखा। भागवत ने बिना पीएम का नाम लिए कहा, “राजा का धर्म है प्रजा की रक्षा।” उन्होंने यह भी कहा कि गुंडों को सबक सिखाना जरूरी है। उनकी यह बात लोगों के दिलों को छू गई। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इस मुलाकात में यही मुद्दा छाया रहा। लोग अब पहलगाम हमले पर कड़ा जवाब की उम्मीद कर रहे हैं।
पीएम मोदी का हाई-लेवल प्लान
दिलचस्प बात यह है कि भागवत से मिलने से पहले पीएम मोदी ने डिफेंस ऑफिसर्स के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में पहलगाम हमले का जवाब देने की रणनीति बनी। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। यह मीटिंग बेहद अहम थी। लोग उत्सुक हैं कि क्या सरकार कोई बड़ा कदम उठाएगी? भागवत और मोदी की मुलाकात से साफ है कि दोनों लीडर इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर #PahalgamAttack और #IndiaFightsBack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
जनता का गुस्सा और उम्मीद
आम लोग भी इस हमले से गुस्से में हैं। X पर लोग अपने विचार शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “पहलगाम हमले का जवाब देना जरूरी है।” दूसरे ने कहा, “भागवत जी का कहना सही है।” यह दिखाता है कि लोग पहलगाम हमले पर कड़ा जवाब चाहते हैं। भागवत और मोदी की मुलाकात ने जनता में नई उम्मीद जगाई है। लोग चाहते हैं कि सरकार आतंकियों को सबक सिखाए। यह मुलाकात एक बड़े एक्शन की ओर इशारा कर रही है।
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अब क्या होगा?
सबके मन में यही सवाल है कि भारत इस हमले का जवाब कैसे देगा? क्या डिप्लोमैटिक रास्ता अपनाया जाएगा? या कोई और रणनीति होगी? एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोदी सरकार इस बार सख्त एक्शन ले सकती है। भागवत का यह कहना कि “हम पड़ोसियों का अपमान नहीं करते, पर बुराई का जवाब देना जरूरी है” एक बड़ा संदेश है। यह मुलाकात आरएसएस और बीजेपी के बीच तालमेल को दिखाती है। साथ ही, यह देश को एकजुट होने का मैसेज देती है।
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उम्मीदों का नया दौर
मोहन भागवत ने पीएम मोदी से मुलाकात की खबर ने लोगों में नई उम्मीदें जगाई हैं। यह सिर्फ एक मीटिंग नहीं थी। यह देश के दुख और गुस्से को आवाज देने का प्रयास था। लोग चाहते हैं कि पहलगाम जैसे हमले दोबारा न हों। भागवत और मोदी की यह मुलाकात एक नई शुरुआत हो सकती है। देशवासी अब सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।