2 मई 2025 को मुजफ्फरनगर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ चौंकाने वाली घटना हुई। शहर के टाउन हॉल में जन आक्रोश रैली चल रही थी। यह रैली पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में थी। अचानक, कुछ लोगों ने राकेश टिकैत का विरोध शुरू कर दिया। उनकी पगड़ी तक छिटक गई। पुलिस ने उन्हें सुरक्षित निकाला। लेकिन यह घटना अब तूल पकड़ रही है।
क्या वजह थी इस विरोध की? लोग क्यों भड़के?
किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले पर बयान दिया था। उन्होंने कहा, “इस घटना से किसे फायदा हो रहा है? चोर आपके बीच में है, पाकिस्तान में नहीं।” इस बयान ने कई हिंदू संगठनों को नाराज कर दिया। रैली में शामिल लोग टिकैत के खिलाफ नारे लगाने लगे। कुछ ने उन पर लाठी से हमला करने की कोशिश की।
टिकैत का कहना था कि उनका बयान गलत समझा गया। उन्होंने कहा, “जन आक्रोश पूरे देश का है। हम भी उसमें शामिल हैं।” लेकिन गुस्साई भीड़ ने उनकी बात नहीं सुनी।
किसान नेता राकेश टिकैत: आंदोलन का चेहरा
राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। 2020-21 के किसान आंदोलन में वे बड़ा चेहरा बने। गाजीपुर बॉर्डर पर उनका आंसुओं भरा वीडियो वायरल हुआ था। तब से वे किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन इस बार उनके बयान ने उन्हें विवाद में ला दिया।
टिकैत पहले भी कई बार धमकियां और हमले झेल चुके हैं। 2022 में बेंगलुरु में उन पर स्याही फेंकी गई थी। फिर भी, वे रुकते नहीं।
हमले की निंदा: कौन-कौन आया साथ?
इस घटना की कई नेताओं ने निंदा की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “यह हमला किसानों के सम्मान पर है।” सपा सांसद हरेंद्र मलिक और RLD विधायक राजपाल टिकैत के घर पहुंचे। BKU सुप्रीमो नरेश टिकैत भी भाई के सपोर्ट में आए।
जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने इसे “कायराना षड्यंत्र” बताया। लेकिन कुछ X पोस्ट्स में लोग टिकैत को “गद्दार” तक कह रहे हैं। यह दिखाता है कि समाज में इस मुद्दे पर कितना बंटवारा है।
क्या कहती है पुलिस?
मुजफ्फरनगर पुलिस ने बताया कि रैली में भारी भीड़ थी। टिकैत के आने पर कुछ लोगों ने हूटिंग शुरू की। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने टिकैत को सुरक्षित निकाला। SP सिटी ने कहा, “हम मामले की जांच कर रहे हैं।”
टिकैत ने जवाब में कहा, “यह प्री-प्लान्ड था। कुछ पार्टियां मुझे बदनाम करना चाहती हैं।” उन्होंने जल्द ही ट्रैक्टर मार्च की बात भी कही।
किसानों का गुस्सा और भविष्य की रणनीति
इस घटना ने किसान समुदाय में गुस्सा भड़का दिया है। कई कार्यकर्ता टिकैत के घर जुटे। BKU अब बड़ा आंदोलन करने की सोच रही है। टिकैत ने कहा, “हम चुप नहीं रहेंगे। किसानों का सम्मान हमारी प्राथमिकता है।” टिकैत ने हमले के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है।
क्या यह घटना किसान आंदोलन को नई दिशा देगी? या यह विवाद और बढ़ेगा? यह देखना बाकी है।
आम आदमी की आवाज
मुजफ्फरनगर के रामू, एक स्थानीय किसान, ने कहा, “टिकैत साहब हमारे लिए लड़े। लेकिन बयान सोच-समझकर देना चाहिए।” वहीं, रैली में शामिल एक युवा ने बताया, “हमारा गुस्सा आतंकवाद के खिलाफ था। टिकैत का बयान हमें गलत लगा।”
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यह घटना दिखाती है कि भावनाएं और मुद्दे कितने जटिल हैं। टिकैत जैसे नेता, जो किसानों के लिए आवाज उठाते हैं, अक्सर विवादों में फंस जाते हैं।