उत्तराखंड के के खटीमा इलाके में पत्थरों से लदी एक मालगाड़ी की आठ बोगियां यमदूत बनकर पटरी पर दौड़ने लगी। गाड़ी की आठ बोगियां टनकपुर से बगैर इंजन के करीब आधे घंटे तक रेलवे ट्रैक पर 25 किलोमीटर तक दौड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब 80 से 100 किमी की रफ्तार में भाग रहीं बोगियों की चपेट में आकर आधा दर्जन मवेशियों की मौत हो गई।
गाड़ी के बिना इंजन दौड़ने की खबर टनकपुर स्टेशन अधीक्षक केडी कापड़ी ने तत्काल बनबसा, चकरपुर व खटीमा स्टेशनों के साथ ही निर्माण इकाई के अधिकारियों को दी। इस पर निर्माण में लगे सैंकड़ों कर्मचारी ट्रैक से हट गए। जगह- जगह रेलवे क्रॉसिंग बंद कर दी गई। यमदूत बनकर दौड़ रही बोगियों ने चकरपुर के पास ट्रैक के निर्माण में लगे एक ट्रैक्टर को चपेट में ले लिया। जिसके चालक ने कूदकर जान बचाई। ये ट्रैक्टर बोगियों के सहारे सात किमी तक घिसटता रहा और उसके परखच्चे उड़ गए।
खटीमा रेलवे स्टेशन से करीब सौ मीटर आगे जाकर मालगाड़ी रेल पटरियों के किनारे खड़ी ट्रॉली से जा टकराई। धमाके के बाद पहली बोगी के दोनों पहिये ट्रैक से उतर गए और बोगियां वहीं रुक गईं। तब जाकर खतरा टल सका।
दरअसल ब्रॉडगेज निर्माण के लिए एक मालगाडी पत्थर लेने टनकपुर पहुंची थी। मंगलवार को टनकपुर स्टेशन के पास मालगाड़ी की आठ बोगियों में पत्थर भरे जा चुके थे। इसी दौरान सुबह करीब 10.45 बजे बोगियों को जेसीबी मशीन की मदद से शंटिंग (आगे- पीछे) करने का काम किया जा रहा था। ट्रैक पर ढलान होने की वजह से आठ बोगियां आगे बढ़ गई। देखते ही देखते बोगियों की रफ्तार बढ़ गई।
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