दिल्ली सरकार का बड़ा कदम प्रदूषण नियंत्रण के लिए
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब राजधानी में ऐसे वाहन जिनके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं है, उन्हें पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा। यह नियम 3 जुलाई से प्रभावी हो गया है और इससे लगभग 62 लाख वाहन प्रभावित होंगे।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है, जो अक्सर खतरनाक स्तर तक पहुँच जाती है। दिल्ली परिवहन विभाग ने पहले से ही PUC प्रमाणपत्र बनवाने की कई बार अपील की थी, लेकिन अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
PUC प्रमाणपत्र न होने पर -डीजल की बिक्री बंद
इस आदेश के अनुसार, सभी फ्यूल पंप ऑपरेटरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल उन वाहनों को फ्यूल भरें जिनके पास वैध PUC प्रमाणपत्र हो। इसके लिए पंपों पर स्कैनर और जांच प्रणाली भी उपलब्ध कराई जा रही है।
नियम उल्लंघन पर जुर्माना
वहीं, वाहन मालिकों में इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे जरूरी कदम मानते हैं, तो कुछ इसे असुविधाजनक बता रहे हैं।सरकार ने चेताया है कि नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा और वाहन जब्त भी किया जा सकता है।
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वाहनों की लंबी कतारें, जागरूकता अभियान भी जारी
दिल्ली सरकार इस नए नियम को लागू करने के साथ-साथ नागरिकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों से अभियान चला रही है। सोशल मीडिया, रेडियो और सड़क किनारे होर्डिंग्स के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि PUC प्रमाणपत्र क्यों जरूरी है और इसे कहां से प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही, सरकार ने कई मोबाइल PUC जांच शिविर भी लगाए हैं ताकि लोगों को सुविधा हो और नियम का पालन सरलता से किया जा सके। यह कदम स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
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