अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, यानी AMU के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बशीर वानी के आतंकी संगठन हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन में शामिल हो गया है। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैय्यद सलाउद्दीन ने इसकी पुष्टि की है। सलाउद्दीन ने एक बयान जारी कर ये बात कही है। श्रीनगर की एक समाचार एजेंसी को सोमवार को दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने कहा, “मनान वानी का शामिल होना भारतीय प्रचार की पोल खोलता है कि कश्मीरी युवा बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण आतंकवादी संगठन में शामिल होते हैं।”
आपको बता दें कि सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जियॉलजी में पीएचडी कर रहे कश्मीरी छात्र मन्नान वानी की AK-47 के साथ फोटो सामने आई थी। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलाउद्दीन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पिछले काफी समय से हिज्बुल के साथ कश्मीर के पढ़े लिखे युवा नेता जुड़ रहे हैं। युवाओं के साथ जुड़ने से हमारी कश्मीर की आजादी की लड़ाई आगे बढ़ रही है।
26 वर्षीय वानी को मामले का खुलासा होने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मन्नान को निलंबित कर दिया था। बताया जा रहा था कि वानी बीते 3 जनवरी से लापता था। सोमवार को ही अलीगढ़ के एसएसपी राजेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उस कमरे की तलाशी ली गई, जहां मन्नान बानी रहता था।
एसएसपी ने कहा था कि मन्नान वानी छह दिन पहले तक हॉस्टल में ही था। उसके कमरे से कुछ लिट्रेचर बरामद हुआ है, जिसे कब्जे में ले लिया गया है।जानकारी के मुताबिक, मन्नान वानी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब का रहने वाला है। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था। 26 साल का वानी तीन दिन पहले घर आने वाला था, लेकिन उसने घर पर कोई खबर नहीं दी। वह पिछले पांच साल से एमयू में रह रहा था, वहां से उसने एमफिल की डिग्री भी ली है।