मोदी सरकार ने पिछले कई सालों से पाइरेसी से जूझ रही फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़ी राहत दी है। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के निदेशक सितांशु कर ने ट्विटर पर जानकारी दी कि कैबिनेट के नए फैसलों में फिल्म पाइरेसी को अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। मोदी सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 में संशोधन के प्रस्ताव को पास कर सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है। इस बिल का मकसद फिल्मों की किसी भी अवैध तरीके से फिल्मों की पाइरेसी रोकना है।
सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1957 में एक संशोधन जोड़ते हुए निर्माता की लिखित अनुमति के बिना किसी भी फिल्म को रिकॉर्ड करने पर इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा। दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। इस कानून के तहत वो सभी लोग आएंगे जो फिल्म को रिकॉर्ड करते या ऐसी रिकॉर्डिंग का कारोबार करते पाए जाएंगे।
To tackle Film Piracy & Copyright infringement,#Cabinet approves amendment to the Cinematograph Act, 1952; Penal Provisions for unauthorized camcording and duplication of films pic.twitter.com/WAb8mmJs6S
मोदी सरकार ने पिछले कई सालों से पाइरेसी से जूझ रही फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़ी राहत दी है। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के निदेशक सितांशु कर ने ट्विटर पर जानकारी दी कि कैबिनेट के नए फैसलों में फिल्म पाइरेसी को अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। मोदी सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 में संशोधन के प्रस्ताव को पास कर सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है। इस बिल का मकसद फिल्मों की किसी भी अवैध तरीके से फिल्मों की पाइरेसी रोकना है।सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1957 में एक संशोधन जोड़ते हुए निर्माता की लिखित अनुमति के बिना किसी भी फिल्म को रिकॉर्ड करने पर इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा। दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। इस कानून के तहत वो सभी लोग आएंगे जो फिल्म को रिकॉर्ड करते या ऐसी रिकॉर्डिंग का कारोबार करते पाए जाएंगे।बता दे कि निर्माताओं की लाख कोशिशों के बाद भी डुप्लीकेट और थियेटर में रिकार्डेड फ़िल्में ऑनलाइन डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहती हैं और इससे निर्माताओं को व्यावसायिक नुकसान उठाना पड़ता है, जिससे फिल्म पाइरेसी की शिकायतें सामने आईं। केंद्र सरकार ने सिनेमा इंडस्ट्री की बड़ी दिक्कत का हल करने की पहल की है।इस बिल को मंजूरी देने पर एक्टर अनिल कपूर ने ट्वीट कर मोदी सरकार का धन्यवाद किया। साथ ही, उन्होंने लिखा कि प्रस्तावित संशोधन से उद्योग के राजस्व में वृद्धि होगी, रोजगार बढ़ेगा, भारत की राष्ट्रीय lP नीति के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा और ऑनलाइन पाइरेसी और गलत तरीके से आने वाले कंटेंट के खिलाफ राहत मिलेगी। नरेंद्र मोदी जी और कैबिनेट को धन्यवाद।हाल ही में बॉलीवुड के कई निर्माता और अभिनेता-अभिनेत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और फिल्म पाइरेसी की समस्या को खुल कर प्रधानमंत्री के सामने रखा था। इस मुलाकात के बाद कैबिनेट की ओर से ऐसा नियम आना इसी बात का सूचक है कि प्रधानमंत्री ने फिल्म निर्माताओं की बात का संज्ञान लिया है। हाल ही में पाइरेसी के चलते कई फिल्में रिलीज़ से पहले ही लीक हो गई हैं और इन फिल्मों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है।
— Rajesh Malhotra (@DG_PIB) February 6, 2019
बता दे कि निर्माताओं की लाख कोशिशों के बाद भी डुप्लीकेट और थियेटर में रिकार्डेड फ़िल्में ऑनलाइन डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहती हैं और इससे निर्माताओं को व्यावसायिक नुकसान उठाना पड़ता है, जिससे फिल्म पाइरेसी की शिकायतें सामने आईं। केंद्र सरकार ने सिनेमा इंडस्ट्री की बड़ी दिक्कत का हल करने की पहल की है।
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इस बिल को मंजूरी देने पर एक्टर अनिल कपूर ने ट्वीट कर मोदी सरकार का धन्यवाद किया। साथ ही, उन्होंने लिखा कि प्रस्तावित संशोधन से उद्योग के राजस्व में वृद्धि होगी, रोजगार बढ़ेगा, भारत की राष्ट्रीय lP नीति के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा और ऑनलाइन पाइरेसी और गलत तरीके से आने वाले कंटेंट के खिलाफ राहत मिलेगी। नरेंद्र मोदी जी और कैबिनेट को धन्यवाद।
“The proposed amendments would increase Industry revenues, boost job creation, fulfill important objectives of India's National lP policy & give relief against piracy & infringing content online.”
All hail the #CinematographAct!
🙏🏼 to @narendramodi ji & 🙏 to the Cabinet! pic.twitter.com/OgCCYuRTD7
— Anil Kapoor (@AnilKapoor) February 7, 2019